बांग्लादेश के मुशफ़िकुर रहीम को न्यूज़िलैंड के खिलाफ दिया गया आउट जानिए क्या है वजह :
विश्वकप के दौरान बांग्लादेश के खिलाफ एंजलो मॅथ्यूज ( श्रीलंका ) के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पहले टाइम आउट के एक माह बाद अब ओबशस्टरिंग द फिल्ड (फिल्डिंग मे बाधा पहुंचाने के लिए ) आउट दिये जाने का मामला सामने आया है ।
न्यूज़ीलैंड के खिलाफ बांगलादेश के विकेट कीपर बल्लेबाज मुशफ़िकुर रहीम ऑफस्ट्रिंग द फिल्ड आऊट दिये गये । टेस्ट क्रिकेट में 22 साल बाद कोई बल्लेबाज इस तरह आउट हुआ । इससे पहले 2001 मे इंग्लैंड के मायकल वन इस तरह आउट हुए थे रहीम इस तरह आउट होने वाले बांगलादेश के पहले बल्लेबाज है ।
36 वर्षीय रहीम को जेमिशन के 41 वे ओवर की चौथी गेंद पर तिसरे अंपायर एहसान रजा ने ऑब्स्ट्रिक्टिंग द फील्ड आउट दिया । रहीम ने ऑफ स्टंप के उपर उछलती गेंद को आपले हात से छुआ। न्यूज़ीलैंड ने अपील की जिसे तिसरे अंपायर को दिया गया । हालाकी खेलने के बाद गेंद को हाथ से दूर करने पर( जिसमे बल्ला नही है ) हेंडल्ड द बॉल आउट दिया जाता था , लेकिन 2017 मे हेडल्ड द बॉल को खत्म कर इसे ऑब्स्टरिंग द बॉल को खत्म कर इसे ऑब्स्टरिंग द फील्ड मे शामिल कर लिया गया । टेस्ट क्रिकेट मे 11 बल्लेबाज इस तरह से आउट हुए है भारत के मोहिंद्र अमरनाथ वनडे में दो बार इस तरह से आउट होु चुके है ।
क्या है ऑब्स्टरिंग द फील्ड ?
नियम के तहत गेदबाज की और से गेंद फेके जाने के बाद बल्लेबाज गेद को उस हात से छुता है जिस हात से उसने बल्ला नही पकड रखा है इसके लिए उसने छेत्र रक्षण कर रही टीम या अंपायर से इजाजत नही ली है तो यह आउट हो सकता है ।
कौन है मुस्तफ़ीक़ुर रहीम ?
मुजीबुर रहीम को बांग्लादेशी क्रिकेट के एक प्रमुख बल्लेबाज के रूप में जाना जाता है। उनका जन्म २ नवम्बर १९९९ को हुआ था और वह खुले क्रिकेट में बड़े आकार की इम्पैक्ट प्लेयर के रूप में प्रमुख हो गए हैं।
मुजीबुर ने अपने करियर की शुरुआत भारत के खिलाफ एकदिवसीय और टेस्ट क्रिकेट मैच से की थी और उन्होंने तेज़ बॉलिंग और प्रभावशाली बैटिंग के लिए ध्यान खींचा।
उन्होंने तीन फॉर्मेट्स में बांग्लादेश के लिए बहुत अच्छे प्रदर्शन किए हैं और उनकी तेज़ बॉलिंग ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय सीन में पहचान दिलाई है। उन्हें व्यापक बल्लेबाजी, तेज बॉलिंग, और फिल्डिंग की क्षमता के लिए पहचाना जाता है।
उनका योगदान बांग्लादेशी क्रिकेट को और भी मजबूती और आत्मविश्वास प्रदान करता है, और उनका उदाहरण युवा क्रिकेटरों के लिए प्रेरणास्त्रोत है।