Fix Deposit : यहा निवेश करने से मिलेगा अच्छा रिटर्न,आयकर में भी मिलेगी छुट
फिक्स्ड डिपॉजिट के मुकाबले बॉन्ड में निवेश करना बेहतर विकल्प
बॉन्ड में निवेश पर अच्छे रिटर्न के साथ मिलती है आयकर छूट
09% तक फायदा कमा सकते हैं बॉन्ड से
वित्त वर्ष 2023-24 (आकलन वर्ष 2024-25) के लिए आयकर रिटर्न यानी आईटीआर भरने की अंतिम तारीख 31 जुलाई है। आपने आईटीआर नहीं भरा है या अपनी कमाई और कर देनदारी के हिसाब से निवेश नहीं किया है तो 31 जुलाई से पहले ये तैयारियां जरूर कर लें। निवेश के लिए अगर पारंपरिक तरीका अपनाना चाहते हैं तो बैंकों या कॉरपोरेट के फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) में पैसे लगा सकते हैं। आप अपने निवेश पर अधिक रिटर्न चाहते हैं तो बॉन्ड भी बेहतर विकल्प हो सकते हैं। कर एवं निवेश विशेषज्ञों के मुताबिक, बॉन्ड कई मामलों में एफडी से बेहतर निवेश विकल्प साबित हो सकते हैं। एफडी पर बैंक सामान्य नागरिकों को करीब 7 फीसदी ब्याज दे रहे हैं। बॉन्ड पर करीब 9 फीसदी तक रिटर्न पा सकते हैं। निवेश के इन दोनों साधनों में लॉक-इन अवधि भी होती है, जबकि बॉन्ड यील्ड से होने वाली कमाई पर आयकर छूट भी मिलती है।
बॉन्ड में निवेश के फायदे…
उच्च रिटर्न से निवेशक एफडी
■ उच्च रिटर्न: के मुकाबले बॉन्ड में निवेश करना बेहतर मानते हैं। एफडी में जोखिम नहीं होता है। इसमें तय ब्याज मिलता है। आप थोड़ा जोखिम उठाना चाहते हैं तो अधिक रिटर्न के लिहाज से कॉरपोरेट बॉन्ड बेहतर विकल्प हो सकता है।
■ कर लाभ: कर देनदारी के लिहाज से भी बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट की तुलना में बॉन्ड बेहतर निवेश साधन होते हैं। म्यूनिसिपल जैसे कई बॉन्ड करमुक्त ब्याज आय देते हैं। तरलता: एफडी के मुकाबले बॉन्ड बेहतर तरलता प्रदान करते हैं। एफडी में लॉक-इन अवधि होती है और मैच्योरिटी से पहले निकासी पर जुर्माना भरना पड़ता है। बॉन्ड को सेकेंडरी मार्केट माना जाता है और इसमें से आप जब चाहें, बाहर निकल सकते हैं।
करूर वैश्य बैंक
(अवधि एक साल से कम, सोर्स बैंक बाजार)
एफडी पर 7.40% तक ब्याज
बैंक
व्याज दर
बैंक ऑफ बड़ौदा
7.10 फीसदी
इंडियन बैंक
7.05 फीसदी
पीएनबी
7.05 फीसदी
एसबीआई
6.50 फीसदी
यूनियन बैंक
6.35 फीसदी
एक्सिस बैंक
6.00 फीसदी
7.25 फीसदी
डीसीबी बैंक
फेडरल बैंक
6.00 फीसदी
एचडीएफसी बैंक
6.00 फीसदी
7.40 फीसदी
बॉन्ड बेचकर भी कमा
बेहतर साधन हैं। हालांकि, एफडी के मुकाबले बॉन्ड पर अधिक रिटर्न मिलता है। कर देनदारी के लिहाज से बॉन्ड से होने वाली कमाई पर न तो कोई टैक्स लगता है और न ही टीडीएस कटता है। आयकर कानून की धारा 1961 के मुताबिक, एफडी से होने वाली आय को अन्य स्रोत से कमाई माना जाता है और उसी के हिसाब से टैक्स लगता है। निवेशक बॉन्ड बेचकर भी लाभ कमा सकते हैं।
एफडी में यह सुविधा नहीं है। रत्नेश सिंह : निवेश एवं कर सलाहकार
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