क्या आप भी अपना बुढ़ापा आराम से काटना चाहते है : तो इक्विटी में लगाएं पैसा जानिए कैसे
भारतीयों में करोड़पति बनने की चाहत ज्यादा होती है। इस वजह से लोकप्रिय क्विज शो केबीसी की बड़ी फैन फॉलोइंग है। अपने सपने को पूरा करने और सेवानिवृत्ति के बाद बेहतर जीवन जीने के लिए इक्विटी में निवेश अच्छा विकल्प है। लेकिन आप इक्विटी में पैसे तब तक नहीं लगा सकते जब तक अपनी जीवन शैली में कटौती करने को तैयार ना हो ।
इक्विटी में लगाए पैसा आराम से कटेगा बुढ़ापा
सेवानीवृत्ति के बाद जीवन जीने के लिए किसी व्यक्ति को कितने पैसे की जरूरत होगी इस बारे में स्पष्ट विचार नहीं होने के वजह से लोगों को रिटायर होने पर एक या दो करोड़ रुपए का लक्ष्य ही रखना पड़ता है। अगर आपकी गणना अच्छी नहीं है तो लगातार बढ़ती महंगाई और पैसों के अभाव में सेवानीवृत्ति के बाद आपका जीवन मूल्य से भी बेहतर हो सकता है।
निजी क्षेत्र के बैंक में काम करने वाले एक पाठक रामदास शर्मा 2020 में तब सेवानीवृत्त हुए। जब कोरोना महामारी अपने चरम पर थी।उन्हें अच्छा रिटायरमेंट बोनस भी मिला। इसके बावजूद उन्हें चिंता मुक्त सेवानीवृत्त जीवन को लेकर संदेह था। उन्होंने फिक्स्ड डिपॉजिट वह ताई गारंटी वाले साधनों के अलावा कहीं और निवेश नहीं किया था। सेवानिवृत्त होने के बाद उन्हें महसूस हुआ कि उसकी बजट पर मिलने वाली ब्याज आय से बेहतर तरीके से बुढ़ापा काटना मुश्किल है।
महंगाई के असर को ध्यान में जरूर रखें :
देखिए महंगाई व उसका आपका फंड पर पढ़ने वाले असर को ध्यान में रखना होगा।
इसलिए साल में कई बार दूध के दाम में कुछ रुपए की वृद्धि या टमाटर के दाम में कुछ ही हफ्तों में उतार चढ़ाव को हम तवज्जो नहीं दे पाते हैं। हालांकि उतार-चढ़ाव को जोड़ और समीक्षा करे तो एक-दो साल में कीमत आपकी सोच कही अधिक बढ़ जाएगी।
बढ़ते खर्च को देखते हुए करें वित्तीय प्रबंधन –
रामदास ने सेवानिवृत्ति से पहले कुछ साल पहले अपने 18 या 20 वर्ष तक मासिक खर्च के बराबर पैसा अलग रखने को पर्याप्त मान लिया था। सेवानी वृत्त होने से ठीक 1 साल पहले मासिक घरेलू खर्च 55,000 रुपए था। उनकी गणना के मुताबिक बैंक में जमा 1.32 करोड रुपए ब्याज से अगले दो दशकों तक उनका मासिक खर्च चल जाएगा। उन्हें सेवानी वृत्त हुए 3 साल हो गए हैं।उनका मासिक खर्च 25 फ़ीसदी बढ़कर करीब 70,000 प्रति माह तक पहुंच गया है। इस वृद्धि का कारण पत्नी के कोविड से पीड़ित होने के बाद दवा और रोजमर्रा के घरेलू सामानों की बढ़ती लागत है।
इसलिए मैंने उनसे कहा कि एक निश्चित राशि जिस पर उन्होंने अगले 20 वर्षों तक जीवन यापन करने की योजना बनाई थी पर निर्भर रहने की बजाय उन्हें अपनी बचत को अलग-अलग साधनों में निवेश करना चाहिए।
ऐसे फंड को इक्विटी में जरूर लगाए :
रामदास को इक्विटी में पैसा लगाना पैसा लगाना स्वीकार करना आसान नहीं था। लेकिन मैं जब उनसे कहा कि स्वास्थ्य सुविधाओ की बेहतर उपलब्धता को देखते हुए इस बात की अधिक संभावना है कि वह 80 या 90 के दशक तक भी जीवित रह सकते हैं जिसके लिए उनकी नियोजित सेवानीवृत्ति निधि पर्याप्त नहीं है तो वह इक्विटी में निवेश को तैयार हुए। जिस पैसे की कम से कम 10 वर्षों तक जरूरत नहीं है उसे आसानी से इक्विटी में लगाया जा सकता है। अपनी सेवानीवृत्ति बचत का 30 40 फ़ीसदी हिस्सा इक्विटी में लगा सकते हैं।
लार्जपैक मैं कई म्युचुअल फंड योजना है जिसमें निवेश पर विचार किया जा सकता है। इसके अलावा आप पैसे को एक सूचकांक में भी रख सकते हैं।
अगर तर्क यह है मैंने पहले कभी इक्विटी में निवेश नहीं किया है तो स्मार्टफोन के उपयोग के बारे में सोचे। शायद यह आपके पास कभी नहीं था।लेकिन अब यह बहुत उपयोगी लगता है।
अपने व्यवहार को थोड़ा बदले और संभावना है कि सेवानीवृत्ति वर्ष मैं जब आपको इसकी सबसे अधिक जरूरत होगी तो आप पैसे को लेकर सहज होंगे ।
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