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Bike Insurance : मोटर बीमा का दावा फाइल करते समय इन गलतियों से बचें

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Bike Insurance : मोटर बीमा का दावा फाइल करते समय इन गलतियों से बचें

हादसे के समय चालक के पास वैध लाइसेंस न होने पर बीमा नहीं होगा मंजूर

मोटर बीमा दावा दाखिल करते कई पॉलिसीधारक ऐसी गलतियां करते हैं जिनसे देरी, विवाद या दावा अस्वीकार होने की संभावना बढ़ जाती है। चाहे वह स्वयं के नुकसान (ओडी) के लिए हो या थर्ड पार्टी (टीपी) के लिए। प्रक्रिया को समझना और गलतियों से बचना जरूरी है, ताकि दावा प्रक्रिया सही तरीके से पूरी हो सके। मोटर बीमा दावा फाइल करते समय इन गलतियों से बचेंगे तो आपका दावा बीमा कंपनी जल्दी पूरा करेगी।

बीमा कंपनी को तुरंत जानकारी नहीं देना

पॉलिसीधारकों की सबसे बड़ी गलती पह होती है कि दुर्घटना के बाद बीमा कंपनी को देर से बताते हैं। इस कदम में देरी से दाये में देरी वा अस्वीकार भी हो सकता है, विशेष मामलों में, जहां बीमा कंपनी को नुकसान का जल्दी से आकलन’ रूप से ओडी करना जरूरी होता है। बीमा कंपनी दुर्घटना के 24 से 48 घंटों के भीतर ओडी दावों के लिए जानकारी मांगती हैं। टोपी दावों के लिए भी बीमा कंपनी को तुरंत सूचित करना उतना ही महत्वपूर्ण है, क्योंकि इनमें तीसरी पार्टी की चोट या क्षति शामिल होती है और इसके बाद कानूनी प्रक्रियाएं भी हो सकती है ।

कंपनी की मंजूरी के बिना वाहन की मरम्मत करवाना

कई वाहन मालिक मामूली क्षति के मामलों में बीमा कंपनी को सूचित करने या उनकी मंजूरी का इंतजार किए बिना कार की मरम्मत करवा लेते हैं। ओडी दावों में बीमा कंपनी को मरम्मत को मंजूरी देने से पहले नुकसान का निरीक्षण करना जरूरी होता है। यदि बिना मंजूरी के मरम्मत करवाई जाती है, कर सकती है या मरम्मत के खर्च का कुछ हिस्सा ही कवर कर सकती है। पॉलिसीधारक को वाहन को निरीक्षण के नेटवर्क गैराज में ले जाना होती है।

जरूरी होने पर भी एफआईआर दर्ज न करना

चोट, मृत्यु, या बड़ी संपत्ति नुकसान से जुड़े मामले में टीपी दावों में एफआईआर जरूरी है। है। ओडी उ दावों के लिए बड़े हादसों में एफआईआर की जरूरत हो सकती है।

गलत या अधूरी जानकारी देना : क्लेम फॉर्म में गलत या अधूरी जानकारी अस्वीकृति या देरी का कारण बन सकती है। ओडी और टीपी दोनों दावों में दी गई जानकारी आधिकारिक रिकॉर्ड से मेल खानी चाहिए। किसी भी प्रकार की गलती जैसे दुर्घटना की गलत तारीख बीमा कंपनी के लिए संदेह पैदा कर सकते हैं।

नशे में ड्राइविंग करना : ओडी और टीपी दावा स्वीकृति की प्राथमिक शर्तों में से एक यह है कि दुर्घटना के समय पॉलिसीधारक या ड्राइवर के पास वैध लाइसेंस नहीं है, तो बीमा मंजूर नहीं होगा। शराब या ड्रम्स के नशे में ड्राइविंग करना मोटर बीमा पॉलिसी की शर्तों का उल्लंघन है। दुर्घटना ड्राइवर के नशे की हालत में हुई तो ओडी या टीपी दोनों बीमा दावा अस्वीकार हो जाएगा।

छोटे-मोटे दावे करने से बचना जरूरी

कुछ बीमा कंपनियां तत्काल क्लेम भी देती हैं, जहां केवल क्षतिग्रस्त वाहन की तस्वीरें और बुनियादी दस्तावेज अपलोड करता होता है। छोटे-मोटे दावे करने से बचना चाहिए। छोटे दावे से नो क्लेम बोनस का नुकसान हो सकता है, जो दावा राशि से अधिक मूल्यवान हो सकता है। -सुभाषिश मजूमदार प्रमुख-मोटर वितरण, बजाज आलियांज जनरल इंश्योरेंस

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