Birds Map : पक्षिया कैसे पता करती है अपना रास्ता, जानिए पक्षियों के पास कौन सा नक्शा होता है ?
अक्सर हम लोग नई जगह जाने पर अपना रास्ता भूल जाते हैं या भटक जाते हैं और पूछ – पूछ कर मंजिल तक पहुंचते हैं या फिर गूगल मैप का सहारा लेते है, लेकिन पक्षिया बिना भटके मीलों तक का सफर कैसे तय कर लेती हैं इसी बारे में हम आगे जानेंगे।
अक्सर हर सर्दियों में हम देखते हैं कि अफ्रीका यूरोप और साइबेरिया से सर्दियों में हर साल लाखों प्रवासी पक्षी भारत आते हैं और गर्मियां शुरू होने से पहले अपने देश वापस लौट जाते हैं जबकि कुछ माह यहां बिताने के बाद भी वह मीलों दूर वापस बिना भटके पहुंच जाते हैं।
केसे पता करते है रास्ता
प्रवासी पक्षियों को प्रकृति ने कुछ खास गुणों से नवाजा है जो हवाई मार्ग को पहचाने में इनके मददगार बनते हैं। प्रवासी पक्षियों की आंखों की रेटिना में खास तरह का प्रोटीन होता है जो धरती के चुंबकीय क्षेत्र के प्रति अति संवेदनशील होता है इसे क्रिप्टोक्रोम्स कहते हैं। इस प्रोटीन से पक्षी चुंबकीय क्षेत्र, का पता लगाते हैं और लाखों मील चलने के बाद भी रास्तों को नहीं भूलते हैं उनकी रेटिना चुंबकीय सेंसर की तरह काम करती है। रात के समय प्रवासी पक्षी आकाशी नेवीगेशन यानी सूर्य और तारों की स्थिति के अनुसार उड़ान भरते हैं तारों की स्थिति बदलने पर पक्षी अपनी दिशा बदल लेते हैं। अपने इन्हीं गुना के कारण प्रवासी पक्षी यह तय करते हैं कि उन्हें कब उड़ान भरनी है और कौन से रास्ते से जाना है इससे मौसम भी उनके मार्ग में बाधा नहीं बनता है।
दृश्य और गंध भी करती है गाइड का काम
कुछ पक्षी प्रवास के दौरान दृश्य और गंध की मदद से भी अपना रास्ता बनाते हैं खासकर स्थलीय क्षेत्र में उड़ान भरने के दौरान दृश्यों का उपयोग करते हुए आगे बढ़ते हैं और नदियों एवं पर्वत श्रृंखलाओं जैसी स्थिर संरचनाओं के आधार पर अपने रास्ते का निर्धारण करते हैं। वहीं कुछ पक्षी जब लंबी दूरी की समुद्री यात्रा तय करते हैं तो वह गंध को अपना गाइड बनाते हैं वह खास किस्म के गंध का अनुसरण करते हुए आगे बढ़ते हैं।
प्रवासी पक्षी क्यों करते हैं प्रवास
प्रवासी पक्षी आखिर इतनी दूरी का सफर क्यों तय करते हैं ? ऐसी क्या मजबूरी रहती है आपके दिमाग में भी ऐसे बहुत सारे सवाल आ रहे होंगे । आपको बता दें प्रवासी पक्षियों को प्रवास की जरूरत इसलिए पड़ती है क्योंकि प्रवासी पक्षियों की शारीरिक बनावट ऐसी होती है कि उनका जीवित रहने और प्रजनन के लिए एक खास वातावरण की आवश्यकता होती है रितु परिवर्तन के चलते जब एक गोलार्द्ध में तापमान बदलता है तो वे दूसरे गोलार्द्ध का रुक करते हैं इस तरह पक्षी अपने को मौसम की मार से बचाने और भोजन की तलाश के लिए इतनी लंबी यात्रा तय करते हैं । प्रवासी पक्षिया सर्दियों की शुरुआत में अपना घर छोड़ देते हैं और बसंत ऋतु शुरू होने से पहले अपने घरों में वापस चले जाते हैं ।