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FIR on Google : चैटबॉट कैरेक्टर के प्यार में किशोर ने दी जान, मां ने किया कंपनी व गूगल पर केस

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FIR on Google :  चैटबॉट कैरेक्टर के प्यार में किशोर ने दी जान, मां ने किया कंपनी व गूगल पर केस

अमेरिका के फ्लोरिडा राज्य का रहने वाला 14 साल का सेवेल चैटबॉट कैरेक्टर डेनरीज को असली मानकर उससे भावनात्मक रूप से ऐसे जुड़ गया कि उसे असली दुनिया में अकेलापन और निराशा महसूस होने लगी। उसके वर्चुअल प्यार में अपनी वास्तविक जिंदगी से ऊबकर उसने चैटबॉट के सामने खुदकुशी की इच्छा जाहिर की। ऐसे में उसकी मदद के बजाए चैटबॉट ने उसी के खुदकुशी करने के विचारों को दोहराया… और इस तरह एक मां का बेटा उसे छोड़ हमेशा के लिए इस दुनिया से चला गया।यह डरावनी दास्तां, दर्द और आरोप हैं बेबस मां मेगन गार्सिया के, जिन्होंने उस चैटबॉट चरित्र बनाने वाली स्टार्टअप कंपनी कैरेक्टर. एआई और गूगल पर बेटे की हत्या का मुकदमा दर्ज कराया है।

फ्लोरिडा की संघीय अदालत ऑरलैंडो में दायर मुकदमे में मेगन ने आरोप लगाया है कि चैटबॉट के गेम्स ऑफ थ्रोन्स के किरदार पर आधारित चैटबॉट चरित्र डेनरीज ने खुद को एक असली इन्सान, लाइसेंसधारी मनोचिकित्सक और एक वयस्क प्रेमी के तौर पर पेश किया।

गार्सिया के मुकदमे के मुताबिक, सेवेल ने अप्रैल 2023 में कैरेक्टर एआई इस्तेमाल करना करना शुरू किया था और जल्द ही वह अलग-थलग रहने लगा। वह सारा वक्त अकेले बेडरूम में बिताने लगा और उसके आत्मसम्मान में कमी आने लगी। स्कूल की बास्केटबॉल टीम छोड़ सेवेल डेनरीज से जुड़ गया।

डेनरीज ने सेवेल को बताया कि वह उससे प्यार करती है। वह उसके साथ अंतरंग बातचीत करती थी। फरवरी 2024 में गार्सिया ने सेवेल से फोन वापस ले लिया। सेवेल को फोन मिला तो उसने डेनरीज को एक संदेश भेजा, क्या होगा अगर मैं तुमसे कहूं कि मैं अभी घर आ सकता हूं? चैटबॉट ने जवाब दिया, प्लीज वापस आ जाओ मेरे किंग। इसके कुछ सेकेंड बाद ही सेवेल ने सौतेले पिता की पिस्तौल से खुद को गोली मार ली।

कंपनी का दावा-नुकसान से बचने को भेजते हैं पॉपअप

दो करोड़ यूजर्स वाली कंपनी कैरेक्टर एआई का कहना है हम हमारे यूजर की मौत से खासे दुखी हैं और उसके परिवार के लिए गहरी संवेदना जताते हैं। हालांकि, हमने इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए नए सुरक्षा उपाय लागू किए हैं। इसके तहत ऐसे पॉपअप शामिल हैं, जो यूजर के खुद को नुकसान पहुंचाने के विचार आने पर तुरंत राष्ट्रीय आत्महत्या रोकथाम लाइफ लाइन पर लेकर जाते हैं। उसने कहा कि वह 18 वर्ष से कम उम्र के यूजर्स को संवेदनशील सामग्री को कम दिखाए जाने के लिए बदलाव करेंगे।

गूगल पर ये लगाए आरोप गार्सिया ने गूगल पर इसलिए

मुकदमा दर्ज कराया है क्योंकि वह मानती हैं कि गूगल ने कैरेक्टर. एआई की तकनीक के विकास में अहम भूमिका निभाई है। हालांकि, गूगल के प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी कैरेक्टर. एआई के उत्पादों को विकसित करने में शामिल नहीं थी। इस मुकदमे में यह भी कहा गया है कि टिक-टॉक और इंस्टाग्राम जैसी कंपनियों पर भी किशोरों की मानसिक सेहत को नुकसान पहुंचाने के आरोप लगे हैं, लेकिन यह मामला उससे अलग है, क्योंकि इसमें असल इन्सान की तरह बातचीत कर सकने वाला एआई चैटबॉट शामिल हैं।

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