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G–20 : वैश्विक संघर्ष शीघ्र रोकने पर जोर लेकिन ठोस प्रयासों पर नहीं बनी सहमति

G–20 : वैश्विक संघर्ष शीघ्र रोकने पर जोर लेकिन ठोस प्रयासों पर नहीं बनी सहमति 

साझा बयान में गाजा को अधिक मदद, सुरक्षा परिषद में सुधारों की वकालत

जी-20 शिखर सम्मेलन में दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं ने पूरी भू-राजनीति को प्रभावित कर वैश्विक संघर्षों को रोकने पर जोर भले ही दिया, लेकिन इसके लिए प्रयासों को लेकर किसी ठोस योजना पर सहमति नहीं बन पाई। जी-20 नेताओं ने खासे विमर्श के बाद जारी साझा बयान में भूख व गरीबी के खिलाफ मिलकर लड़ने, युद्धग्रस्त गाजा को अधिक सहायता देने और पश्चिम एशिया व यूक्रेन में शीघ्र जंग रोकने का आह्वान किया।

ब्राजील में जारी साझा बयान में भविष्य में अरबपतियों पर वैश्विक कर लगाने तथा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्यों से आगे बढ़ाने से जुड़े सुधारों का आह्वान भी किया गया। बयान को जी-20 सदस्यों ने समर्थन दिया, लेकिन आमराय नहीं बन पाई। अर्जेंटीना एकमात्र देश रहा, जिसने पूरे दस्तावेज का समर्थन नहीं किया। उसे शुरुआती मसौदे की भाषा पर एतराज था। हालांकि, एकबारगी तो ऐसा लगा कि कोई घोषणापत्र जारी ही नहीं हो पाएगा।

साझा बयान में किसी को जिम्मेदार ठहराए बिना संघर्षों की निंदा की गई है। गाजा में भयावह मानवीय हालात का जिक्र करते हुए मदद के लिए कदम उठाने पर जोर दिया गया। शिखर सम्मेलन के दूसरे दिन मंगलवार को जी 20 नेताओं की बैठक का एजेंडा जलवायु परिवर्तन पर केंद्रित रहा। मेजबान ब्राजीलियाई

पीएम मोदी-स्टार्मर मुलाकात में एफटीए पर बनी बात

पीएम मोदी की ब्रिटिश पीएम कीर स्टार्मर से भेंट में दोनों देशों के बीच मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर बातचीत फिर शुरू करने पर सहमति बनी। वहीं, पीएम ने इस दौरान आर्थिक अपराधियों विजय माल्या और नीरव मोदी के प्रत्यर्पण पर जोर दिया।

पीएम मोदी और इटली की पीएम जॉर्जिया मेलनी के बीच बैठक के दौरान : दोनों देशों ने अहम पंचवर्षीय रणनीतिक कार्ययोजना जारी की।

कैलाश मानसरोवर यात्रा पर बात : विदेश मंत्री जयशंकर ने अपने चीनी समकक्ष वांग यी के साथ बातचीत में चीन के रास्ते कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर शुरू किए जाने पर बात की।

राष्ट्रपति लूला डिसिल्वा ने अपने प्रस्ताव में आने वाली पीढ़ियों के लिए टिकाऊ भविष्य सुनिश्चित करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा, जी-20 देशों को उत्सर्जन कटौती लक्ष्यों पर तत्काल अमल करना आवश्यक है, क्योंकि 80 फीसदी ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन के लिए इसके सदस्य देश ही जिम्मेदार हैं।

भारत की दक्षता से मिली प्रेरणा : 

ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डिसिल्वा ने द्विपक्षीय बैठक के दौरान नई दिल्ली में जी-20 के सफल आयोजन को लेकर पीएम मोदी की सराहना की। सूत्रों के मुताबिक, राष्ट्रपति लूला ने बताया कि उन्होंने बहुत-सी ऐसी चीजें दोहराने की कोशिश की, जो भारत में हुए शिखर सम्मेलन से प्रेरित हैं। उन्होंने कहा, हमने भारत के निर्णयों को आगे बढ़ाया। ब्राजील उसी स्तर की दक्षता से सम्मेलन करना चाहता था, जैसा भारत ने किया करन

■ पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पर लिखा, लूला के साथ ऊर्जा, जैव ईंधन, रक्षा, कृषि व अन्य क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा हुई।

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