Guru Purnima : जानिए क्यों मनाया जाता है गुरु पूर्णिमा, नोट करें पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और उपाय
हिंदू मान्यताओं के अनुसार गुरु पूर्णिमा आषाढ़ महीने की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है, गुरु पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी की पूजा आराधना की जाती है हिंदू मान्यताओं के अनुसार मां लक्ष्मी की पूजा आराधना करने से सुख समृद्धि आती है
गुरुपूर्णिमा किउ मनाया जाता है
हिंदू धर्म हो या किसी भी धर्म में गुरुओं की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका रही है गुरु हुए होते हैं जो हमें अंधकार से प्रकाश में लाते हैं हमारी अज्ञानता दूर करते हैं और हमें सही मार्ग दिखाते है ऐसा माना जाता है कि इस दिन गुरुओं का आशीर्वाद लेना बहुत ही शुभ होता है इस दिन पूजा करके लोग अपने गुरुओं का आशीर्वाद भी लेते हैं ।
गुरुर्ब्रह्मा ग्रुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः। गुरुः साक्षात् परं ब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नमः॥
इस श्लोक का अर्थ है
गुरु ही ब्रह्मा है , गुरु ही विष्णु है ,और गुरु ही महेश यानी शिव है । गुरु ही साक्षात परम ब्रह्म है ऐसे गुरु को मैं प्रणाम करता हूं अर्थात उनकी वंदना करता हूं ।
Guru purnima पूजा विधि और व्रत
गुरु पूर्णिमा के दिन सुबह-सुबह स्नान करके जो भी श्रद्धालु होते हैं स्वच्छ और साफ कपड़े धारण करते हैं उसके बाद गुरु और उनके स्वरूप की पूजा करते हैं फिर श्रद्धालु अपने गुरु का चरण स्पर्श करके उनका आशीर्वाद लेते हैं गुरु पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा का भी विधान है ।
गुरु पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त
पूर्णिमा तिथि प्रारंभ – 20 जुलाई 2024 को 5:59 pm
पूर्णिमा तिथि समाप्त – 21 जुलाई 2024 को 3:46 pm
चंद्रोदय – 7:38 pm
उपाय
गुरु पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी को खुश करने के लिए लक्ष्मी चालीसा का पाठ करें । वैवाहिक दुख दूर करने के लिए लक्ष्मी नारायण की जोड़े की पूजा करें ।माता को श्रृंगार का सामान भी चढ़ाये, इस दिन अपने गुरु को भोजन भी अवश्य करना चाहिए ।
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