Lal Krishna Advani : लाल कृष्ण आडवाणी की अचानक तबीयत खराब होने के वजह से ICU में किया गया भर्ती
बीजेपी के सबसे वरिष्ठ नेताओं में से एक लालकृष्ण आडवाणी (97) की अचानक एक बार फिर तबीयत बिगड़ गई है। उन्हें देर रात दिल्ली के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया है। लाल कृष्ण आडवाणी की पिछले कुछ महीनों से तबीयत खराब चल रही थी। बीते 5 – 6 महीनों में लालकृष्ण आडवाणी को करीब चौथी बार अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
बीजेपी के प्रमुख लीडर व पूर्व प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी को मेडिकल जांच के लिए दिल्ली के अपोलो अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया है। आडवाणी जी डॉक्टर विनीत सूरी की देखरेख में है और फिलहाल उनकी तबीयत स्थिर है।
लाल कृष्ण आडवाणी का जीवन
भारतीय जनता पार्टी के सबसे वरिष्ठ नेताओं में से एक लालकृष्ण आडवाणी 1941 में 14 वर्ष की आयु में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़कर अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी। वे कराची शाखा के एक प्रचारक बन गए और उन्होंने कई शाखाएं विकसित करी।1947 में भारत-पाकिस्तान विभाजन के बाद आडवाणी को राजस्थान में मत्स्य अलवर के प्रचारक के रूप में भेजो गया, जिसमें जातीय हिंसा के बाद सांप्रदायिक हिंसा देखी गई थी। उन्होंने 1952 तक अलवर, भरतपुर, कोटा बूंदी जिलों में काम किया।
आडवाणी RSS के सहयोग सेश्यामा प्रसाद मुखर्जी द्वारा 1951 में स्थापित एक राजनीतिक दल भारतीय जन संघ के सदस्य बन गए। 1957 में संसदीय मामलों की देखभाल के लिए उन्हें दिल्ली बुलाया गया। वे जल्द ही महासचिव बन गए और बाद में जनसंघ की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष बने। 1967 के चुनाव के बाद वे शहर की महानगर परिषद के नेता बन गए।
लाल कृष्ण आडवाणी की निजी जीवनी
लाल कृष्ण आडवाणी का पूरा नाम लाल कृष्ण आडवाणी है। उनका जन्म 8 नवंबर 1927 को कराची में हुआ था। लालकृष्ण आडवाणी की पार्टी भारतीय जनता पार्टी है। लाल कृष्ण आडवाणी के पिताजी का नाम केडी आडवाणी था और माता जी का नाम ज्ञानी देवी। लाल कृष्ण आडवाणी की पत्नी का नाम कमला आडवाणी है और उनके एक पुत्र और एक पुत्री है।
लाल कृष्ण आडवाणी की कुल संपत्ति
वैसे तो लाल कृष्ण आडवाणी की संपत्ति सार्वजनिक नहीं है पर कुछ सूत्रों के अनुसार उनकी संपत्ति 7.59 करोड़ है।
अयोध्या आंदोलन और बाबरी मस्जिद विवाद में हिस्सा लिया था
आडवाणी को भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण पहचान 1990 के दशक में अयोध्या राम मंदिर विवाद को लेकर आई। उन्होंने रथ यात्रा की शुरुआत की जिसमें राम मंदिर निर्माण का मुद्दा राजनीति में प्रमुख बन गया। उनकी रथ यात्रा में भाजपा को व्यापक समर्थन दिलवाया और पार्टी ने 1991 में लोकसभा चुनाव में सफलता हासिल की।
सम्मान और पुरस्कार
लाल कृष्ण आडवाणी को साल 2015 में भारत के दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया और 2024 में उन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
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