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विश्व व्यापार संगठन में भारत की बड़ी जीत सेवा क्षेत्र में आसान होगा कारोबार :

विश्व व्यापार संगठन में भारत की बड़ी जीत सेवा क्षेत्र में आसान होगा कारोबार :

सर्विस सेक्टर में बनेंगे नए नियम, 71 देश होंगे समझौते का हिस्सा

भारत को विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में बड़ी जीत मिली है। भारत की वजह से ही अबूधाबी में डब्ल्यूटीओ के 13वें मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में सभी सदस्य देशों के बीच सेवा क्षेत्र के कारोबार को आसान बनाने पर सहमति बन गई है। डब्ल्यूटीओ ने घोषणा को कि सेवा क्षेत्र से जुड़े उलझे हुए मुददे सुलझा लिए गए हैं। इस वजह से अब इस क्षेत्र में नए नियम बनने शुरू होंगे और दुनिया के 71 देश समझौते का अहम हिस्सा होंगे।

इस समझौते का सबसे बड़ा फायदा भारत को होगा। भारत के सर्विस सेक्टर का कारोबार दुनिया के कई देशों में फैला हुआ है। इस समझौते का रास्ता भारत की आपत्तियों के चलते ही रुका था। साथ ही दक्षिण अफ्रीका भी इसकी कई शतों से सहमत नहीं था। अब जब दोनों देशों की चिंताओं को दूर करने पर सहमति बन गई है, तब इस संधि के लागू होने का रास्ता साफ हो गया है। डब्ल्यूटीओ की प्रमुख नगोजी ओकोंजो इवेला ने खासतौर पर भारत और दक्षिण अफ्रीका को सहमति बनाने के लिए धन्यवाद दिया है। सहमति को डब्ल्यूटीओ के लिाए एक नई तरह की शुरुआत माना जा रहा है। वहीं, डब्ल्यूटीओ में विशेषज्ञों व अधिकारियों ने कहा कि सेवाओं के व्यापार की कुल वैश्विक वाणिज्य में 20% की हिस्सेदारी के बावजूद विश्व व्यापार संगठन की वार्ताओं में पर्याप्त ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जीटीआरआई संस्था के संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने कहा, डब्ल्यूटीओ के विकसित देश सिर्फ अपने गैर-व्यापार एजेंडे को आगे बढ़ाने में रचि रखते हैं। उन मुददों पर ध्यान

अबूधाबी में डब्ल्यूटीओ के मंत्रिस्तरीय सम्मेलन में जुटे सदस्य देशों के अधिकारी। एजेंसी

भारत ने वापस ली आपत्ति

भारत को आपत्ति इस बात पर थी कि ये बहुपक्षीय व्यवस्था से अलग है। भारत ने शर्त रखी थी इस तरह के समझौते को डब्ल्यूटीओ की बहुपक्षीय समिति से मंजूर कराया जाए। साथ ही इसके लाभ उन सबको मिलने चाहिए जो इससे जुड़ना चाहते हैं। भारतीय पक्ष की इन शर्तों के माने जाने का संकेत मिलने के बाद ही भारत ने अपनी आपत्तियां वापस ली हैं। हालांकि, सूत्रों का कहना है कि भारत ने इस समझौते पर दस्तखत नाहीं किए हैं। अमेरिका, यूरोप और चीन इस संधि का हिस्सा है। डब्ल्यूटीओ की कठिन और विवादित वार्ताओं का एजेंडा भी अब खुल रहा है।

इस समझौते से डॉक्टर, इंजीनियर, नर्सिंग और लेखा जैसे पेशों से जुड़े लोगों को खास लाभ मिलेगा। डब्ल्यूटीओ के नए नियम बनने के बाद

डॉक्टरों, इंजीनियरों नर्स व सीट को लाभ पेशी से जुड़े

समझौता लागू करने वाले देशों में इन लोगों और कारोबार को कई तरह के प्रतिबंध व शर्तों से राहत मिल जाएगी। दुनिया में सेवा क्षेत्र के निर्यात और कारोबार की लागत में हर साल करीब 119 अरब डॉलर की बचत होगी।

भारत ने डब्ल्यूटीओ में चीन के नेतृत्त्व वाले निवेश सुविधा विकास (आईएफडी) समझौता प्रस्ताव को रोक दिया। इसमें दक्षिण अफ्रीका ने भी भारत का साथ दिया। सूत्रों ने बताया कि अब इस प्रस्ताव के उल्लेख किए जाने की संभावना नहीं है। चीन के नेतृत्व वाले 123 सदस्यीय समूह ने विकास पर कार्य समूह की बैठक में एक प्रस्ताव आगे बढ़ाने की कोशिश की थी। इससे पहले, भारत ने फोरम में आईएफडी को गैर-व्यापार मुद्दा बनाए रखा था।

भारत ने चीन के नेतृत्व वाले आईएफडी को रोका त्रिस्तरीय सम्मेलन के घोषणापत्र में

■ विकसित देश बातें ज्यादा, काम कम करते हैं… बैठक में भारत ने कहा कि डब्ल्यूटीओ में विकसित देश विकास संबंधी संबंधी मुद्दों पर वादे बहुत करते हैं, लेकिन उनमें से बहुत कम पर। ही काम करते हैं। विकासशील देशों को मौजूदा नियमों में लचीलेपन की तत्काल आवश्यकता है, इन देशों में उद्योगों को प्रोत्साहन व समान अवसर मिल सके।

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