प्रति व्यक्ति जीडीपी पहले बार ₹200000 के पार
DBT के उपयोग से सही लोगो तक पहुंचा पैसा
सभी नागरिकों के लिए जीवन की गुणवत्ता सुनिश्चित करने और प्रत्यक्ष लाभ ट्रांसफर यानी डीबीटी के जरिए सही लोगों तक रकम पहुंचाने से पहले बार प्रति व्यक्ति जीडीपी ₹200000 पर हो गई है एसबीआई रिपोर्ट के अनुसार जीडीपी की मौजूदा कीमतों पर चालू वित्त वर्ष में यह आए 2.11 लाखरुपए हो गई है एक दशक में सालाना आधार पर 8.99 फीस दी चक्रवृद्धि दर से बढ़त हुई है वित्त वर्ष 2011-12 में यह 72 हजार रुपए थी।
रिपोर्ट के अनुसार वित्त वर्ष 2022रिपोर्ट के अनुसार वित्त वर्ष 2022-21 में सकल बजट दर 30.2 फीस दी रही चालू वित्त वर्ष में 32.3 फ़ीसदी तक जाने की उम्मीद है यह 2013यह 2013-14 के बाद सबसे ज्यादा है घरेलू वित्तीय बचत 2020यह 2013-14 के बाद सबसे ज्यादा है घरेलू वित्तीय बचत 2020-21 में 11 फीस दी से मामूली बढ़कर 2022-23 में 15.4 फीस दी रही है भौतिक संपत्तियां में बचत की दर इसी दौरान 10.भौतिक संपत्तियों में बचत की दर इसी दौरान 10.8 फ़ीसदी से बढ़कर 12.2 फीस थी पर पहुंचेगई है इसी दौरान निवेश 28.02 फेस दी से बढ़कर 33.इसी दौरान निवेश 28.02 फेस दी से बढ़कर 33.7 फ़ीसदी रहने का अनुमान है
12 साल में प्रति व्यक्ति जीडीपी में तीन गुना बढ़त
वित्त वर्ष प्रति व्यक्ति जीडीपी
2011-12 72,000 रुपये
2013-14 90,000 रुपये
2015-16 1.07 लाख रुपये
2017-18 1.30 लाख रुपये
2019-20 1.50 लाख रुपये
2021-22 1.46 लाख रुपये
2023-24. 2.11 लाख रुपये
04 लाख करोड़ डॉलर की होगी अर्थव्यवस्था
एसबीआई का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष के अंत में देश की अर्थव्यवस्था चार लाख करोड़ डॉलर को पार कर जाएगी। वित्त वर्ष 2027 में पांच लाख करोड़ डॉलर के साथ तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था होगी। उस समय 31,429 अरब डॉलर के साथ अमेरिका पहले क्रम पर, 22,291 अरब डॉलर के साथ चीन दूसरे और 5,427 अरब डॉलर के साथ भारत तीसरे क्रम पर होगा। वैश्विक जीडीपी में अमेरिका का हिस्सा 24.7 फीसदी, चीन का 17.5 फीसदी और भारत का 4.3 फीसदी हिस्सा होगा।
जी-20 में सबसे ज्यादा रहेगी विकास दर
रेटिंग एजेंसी मूडीज ने कहा है कि इस साल जनवरी से दिसंबर के बीच देश की विकास दर 6.8 फीसदी रहेगी। पहले यह अनुमान 6.1 फीसदी था। यह जी-20 में सबसे ज्यादा विकास दर होगी।
■ सरकार की ओर से भारी खर्च और मजबूत विनिर्माण गतिविधियों से अर्थव्यवस्था को तेजी मिलेगी। तीसरी तिमाही में तमाम अनुमानों को पीछे छोड़ते हुए विकास दर 8.4 फीसदी रही थी।
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यूएई और बांग्लादेश को 64,400 टन प्याज निर्यात की मिली मंजूरी
सरकार ने संयुक्त अरब अमीरात यानी यूएई और बांग्लादेश को 64,400 टन प्याज निर्यात करने की मंजूरी दी है। इसमें से 50,000 टन बांग्लादेश और 14,400 टन यूएई को जाएगा। इसे राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लि (एनसीईएल) के जरिये निर्यात किया जाएगा।
विदेश व्यापार महानिदेशालय ने बताया कि उपभोक्ता मंत्रालय से सलाह कर एनसीईएल इसे पूरा करेगा। कीमतों को काबू में रखने के लिए पिछले साल 8 दिसंबर से इस साल 31 मार्च तक प्याज निर्यात पर पाबंदी लगी है।
तंजानिया को गैस बासमती चावल भेजने की मंजूरी :
सरकार ने तंजानिया को 30,000 टन गैर बासमती चावल निर्यात को मंजूरी दी है। टूटे हुए चावल के 80,000 टन को दो अन्य देशों को भी भेजे जाने की अनुमति दी गई है।
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