सस्ते कर्ज के लिए अक्तूबर तक करना होगा इंतजार
आरबीआई महंगाई व अमेरिकी फेड के फैसले को देखते हुए तीसरी तिमाही तक टाल सकता है कटौती का फैसला
सस्ता कर्ज पाने के लिए लोगों को अक्तूबर तक इंतजार करना पड़ सकता है। महंगाई के जोखिम और अमेरिकी केंद्रीय बैंक के दरों में कोई बदलाव नहीं करने के कारण आरबीआई तीसरी तिमाही तक रेपो दर में कटौती का फैसला टाल सकता है। अर्थशास्त्रियों का पहले मानना था कि जून की बैठक में आरबीआई दरों में कटौती कर सकता है। अब महंगाई के जोखिम को देखते हुए यह फैसला अक्तूबर से दिसंबर के बीच हो सकता है। अर्थशास्त्रियों का कहना है कि इस पूरे साल में रेपो दर में 0.50 फीसदी की कटौती की उम्मीद है। फिलहाल रेपो दर 6.5 फीसदी पर बनी हुई है। आरबीआई ने सात बार से दरों को यथावत रखा है। महंगाई आरबीआई के दायरे से अब भी ऊपर है। एजेंसी
वैश्विक बाजारों में बहुमूल्य धातुओं की कीमतों में तेजी से बृहस्पतिवार को दिल्ली सराफा बाजार में सोना 500 रुपये महंगा होकर 72,350 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ। चांदी भी 400 रुपये महंगी होकर 83,500 रुपये प्रति किलोग्राम के भाव बंद हुई।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक (जिंस) सौमिल गांधी ने कहा, विदेशी बाजारों में
तेजी के रुख के बीच दिल्ली में 24 कैरेट हाजिर सोना 72,350 रुपये प्रति 10 ग्राम पर कारोबार कर रहा था। यह पिछले बंद भाव से 500 रुपये अधिक है। एलकेपी सिक्योरिटीज के उपाध्यक्ष (शोध विश्लेषक) जतीन
त्रिवेदी ने कहा, निवेशक अब गैर- कृषि पेरोल और बेरोजगारी आंकड़ों का इंतजार कर रहे हैं। इससे सराफा कीमतों की दिशा के बारे में और जानकारी मिलने की उम्मीद है। अंतरराष्ट्रीय जिंस बाजार कॉमेक्स में सोना 2,304 डॉलर प्रति औंस पर रहा था, जो पिछले बंद भाव से 16 डॉलर अधिक है। चांदी भी बढ़त के साथ 26.45 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रही थी। एजेंसी
कई देश ब्याज दर घटाने में कर सकते हैं विलंब
मॉर्गन स्टेनली का कहना कि एशिया के अधिकांश केंद्रीय बैंक दरों में कटौती में देरी करेंगे। भारत में भी इस साल कटौती की उम्मीद नहीं है। डीबीएस ग्रुप होल्डिंग्स की अर्थशास्त्री राधिका राव ने कहा, भारत दर में कटौती की अप्रैल, 2025 में शुरू होने वाले वित्त वर्ष तक टाल सकता है।
■ अमेरिकी केंद्रीय बैंक भी इस साल के अंत तक कटौती कर सकता है या टाल भी सकता है। भारत जैसे उभरते बाजारों में केंद्रीय बैंक दरों में कटौती कर अपनी मुद्राओं को और कमजोर करने से सावधान रहेंगे।
6.5% पर स्थिर बनी हुई है रेपो दर
गर्मी बढ़ा सकती है आरबीआई की चिंता
अर्थशास्त्रियों ने दिसंबर तक के लिए अपने तिमाही महंगाई पूर्वानुमान को थोड़ा कम कर दिया है। आरबीएल बैंक की अर्थशास्त्री अचला जेठमलानी ने कहा, भारत की विकास दर अच्छी है। महंगाई नियंत्रण में है। लेकिन, गर्मी में खाद्य पदार्थों की कीमतें बढ़ीं तो महंगाई आरबीआई की चिंता बढ़ा सकती है। इसके साथ ही, वैश्विक विकास पर नजर रखना महत्वपूर्ण है। अमेरिका समेत दुनियाभर के केंद्रीय बैंक ब्याज दर के मामले में जिस तरह के फैसले लेंगे, आरबीआई भी उसी आधार पर रणनीति बनाएगा।
सोना 500 रुपये महंगा, चांदी की कीमत भी बढ़ी वैश्विक स्तर पर बहुमूल्य धातुओं की कीमतों में तेजी से घरेलू बाजार में बढ़े दाम ।
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सस्ते कर्ज के लिए अक्तूबर तक करना होगा इंतजार
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