Tue. Dec 24th, 2024
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Group Join Now

उत्तराखंड की चमकती हुई प्रतिभा: प्रियांशी रावत

उत्तराखंड राज्य बोर्ड के इतिहास में प्रियांशी रावत का नाम स्वर्ण अक्षरों में दर्ज हो गया है। इस वर्ष, प्रियांशी ने हाई स्कूल की परीक्षा में 500 में से 500 अंक प्राप्त करके एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। इस असाधारण उपलब्धि ने न केवल उन्हें बल्कि उनके परिवार, स्कूल, और पूरे उत्तराखंड राज्य को गर्व से भर दिया है।

प्रियांशी उत्तराखंड के एक छोटे से गांव से आती हैं, जहां शिक्षा की सुविधाएँ सीमित हैं। उनके पिता एक कृषक हैं और माता गृहिणी हैं। परिवार में शिक्षा के प्रति गहरी आस्था और समर्पण रहा है, जो प्रियांशी के परिणामों में स्पष्ट रूप से दिखाई देती है।

प्रियांशी के अनुसार, उनकी सफलता का रहस्य साधारण है – अध्ययन के प्रति उनकी अटूट निष्ठा और दृढ़ संकल्प। उन्होंने कहा कि वह रोजाना छह से सात घंटे पढ़ाई करती थीं और अपने शिक्षकों और माता-पिता के मार्गदर्शन को अत्यधिक महत्व देती थीं। प्रियांशी ने यह भी बताया कि परीक्षा के दौरान उन्होंने कभी भी तनाव में न आने की तकनीक पर काम किया और अपनी मानसिक स्वास्थ्य का भी ख्याल रखा।

प्रियांशी के स्कूल के प्रधानाचार्य ने उनकी प्रशंसा करते हुए कहा कि प्रियांशी हमेशा से एक उत्कृष्ट छात्रा रही हैं। उन्होंने अपनी कक्षा के हर विषय में गहरी रुचि और समझ दिखाई है। उनका अनुशासन और लगन ही उनकी सफलता की कुंजी है। स्कूल के शिक्षकों का भी मानना है कि प्रियांशी की जिज्ञासा और सीखने की ललक उन्हें उनके साथियों से अलग करती है।

प्रियांशी की उपलब्धियां केवल उनकी परीक्षा के अंकों तक सीमित नहीं हैं। वह विद्यालयी शिक्षा के अलावा विभिन्न सह-शैक्षणिक गतिविधियों में भी सक्रिय रही हैं। वह एक प्रतिभाशाली नृत्यांगना हैं और स्कूल की खेल टीम का भी हिस्सा हैं। उनका मानना है कि शैक्षणिक प्रदर्शन के साथ-साथ सहशिक्षा गतिविधियों में भाग लेना भी उनके व्यक्तित्व को संतुलित और संपूर्ण बनाता है।

आगे चलकर प्रियांशी की योजना विज्ञान की दिशा में उच्च शिक्षा प्राप्त करने की है। वह भविष्य में एक वैज्ञानिक बनने की आकांक्षा रखती हैं और विशेष रूप से जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में कुछ नवाचार करना चाहती हैं। उनकी दृष्टि और लक्ष्य स्पष्ट हैं, और उनकी दृढ़ता उन्हें उनके सपनों की ओर ले जाने के लिए प्रेरित करती है।

प्रियांशी रावत की कहानी न केवल उनके निजी परिश्रम की गवाही देती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि किस प्रकार उत्तराखंड के युवा विश्व स्तरीय शिक्षा के साथ अपने सपनों को साकार कर सकते हैं। उनकी सफलता अन्य छात्रों के लिए प्रेरणा है और यह दिखाती है कि कठिन परिश्रम, लगन, और समर्पण के बल पर कोई भी व्यक्ति अपने लक्ष्य की प्राप्ति कर सकता है।

ये भी जाने : 

IPL में सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज़ तीसरे और चौथे स्थान पर जो गेंदबाज है उसके बारे में आपने सोचा नहीं होगा

CBSE परिणाम 2024: छात्रों की सफलता और आगे की चुनौतियाँ

उत्तराखंड की चमकती हुई प्रतिभा: प्रियांशी रावत

हमें उम्मीद है यह खबर आपको पसंद आई होगी खबर पसंद आए तो इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों तक शेयर करें और ऐसे ही अपडेटेड खबरें सबसे पहले आप तक पहुंचे उसके लिए नोटिफिकेशन ऑन करें ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *