क्या है ‘COP28’ समिट?
COP28 जलवायु ले लेकर संयुक्त राष्ट्र की 28वी सालांना बैठक है । इस सालाना बैठक मे सरकारें इस बात पर चर्चा करती है की जलवायू परिवर्तन को रोकने और भविष्य में इससे निपटने के लिए क्या तैयारियां की जाये ।
COP का मतलब क्या है ?
COP कॉन्फरन्स ऑफ द पार्टीस का संक्षिप्त रूप है यहा पार्टीज का मतलब उन देशों से है जिन्होंने 1992 मै संयुक्त राष्ट्र के जलवायू समझौते पर हस्ताक्षर किए थे ।
COP28 क्यो अहम है ?
कोप 28 मे पृथ्वी के तापमान में बढ़ोतरी को 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित रखने के दीर्घकालीन लक्ष को बरकरार रखा जायेगा । 2015 में पॅरिस में हुए समझौते मे करीब 200 देशों मे इसे लेकर सहमती बनी थी । संयुक्त राष्ट्र में जलवायु पर नजर रखने वाली संस्था इंटरगोवेर्मेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज (IPCC) के अनुसार 1.5 डिग्री सेल्सिअस वह अहम लक्ष्य है, जिससे जलवायु परिवर्तन के खतरनाक असर को रोका जा सकता है । इस समय दुनिया का तापमान औद्योगीकरण के दौरे से पहले की तुलना में 1.1 या 1.2 डिग्री सेल्सिअस बढ गया है ।
COP28 से क्या कुछ बदलेगा ?
पिचले संमेलन की आलोचना करने वालो का कहना है कि ये सम्मेलन वास्तव में ग्रीन वॉशिंग है यांनी इनमे देश और कारोबारी सिर्फ अपनी उपलब्धि गिनाते है लेकिन वास्तव में कोई ठोस कदम नही उठाते । लेकिन जब दुनियाभर के नेता इस तरह से जुटते है तो मुल्क के स्तर पर लिए जा रहे तरलेकिन वास्तव में कोई ठोस कदम नही उठाते लेकिन जब दुनिया भर के नेता इस तरह से जुटते है तो मुल्क के स्तर पर लिए जा रहे कदमों से आगे बढ़कर वेश्विक स्तर पर कुछ किये जाने की संभावना बनती है यूएन का कहना है कि पेरिस में हुए कोप 21 मे जलवायू को लेकर कुछ करने की वेश्विक पहल हुई है ।
क्या कहा नरेंद्र मोदी जी ने :
G20 के बाद भारत COP33 की मेजबानी के लिए तैयार है । इसकी मेजबानी के लिए प्रस्ताव रखा है । यह एक बड़ा आयोजन होगा ।
यह भी जाने :
कॉप समिट आमतौर पर “कॉप” शब्द का संक्षेप होता है जो कि जलवायु परिवर्तन के संबंध में एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन को दर्शाता है, जिसमें COP “कॉन्फ्रेंस ऑफ द पार्टीज” का संक्षेप है। इसमें विभिन्न देशों के प्रतिनिधियों और स्थायी सदस्यों ने साझा उद्देश्य रखकर जलवायु परिवर्तन और उससे जुड़े मुद्दों पर चर्चा की जाती है। COP समिटें क्यूंकि ये पारिस समझौते के तहत होती हैं,