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प्राइवेट नौकरी छोड़ वकालत कर पिता के हत्यारों को दिलाई सजा : जानिए वजह ?

खनन माफिया द्वारा पिता की हत्या और उसके 10 माह के बड़ भाई की मौत से पुरा परिवार दुखों के पहाड़ के निचे दब गया था , लेकिन पिता की मौत के  बाद घर के बड़े बेटे के पास मुखिया की भूमिका आई तो पूरे परिवार ले संभाला । प्राइवेट नौकरी छोड़ वकालत की और अपने पिता की हत्या मामले मे बीते वृहशपतिवार को  दो आरोपियों ले आजीवन करावास की सजा भी दिलाई । यह  कहानी नही हकीकत है नोएडा के रायपुर गांव के आकाश चौहन की ।

31 जुलाई 2013 को जब आकाश कंपनी कार्यालय में थे,तभी तभी पिता की गोली मारकर कर दी थी हत्या 

21 जून 2014 को आकाश के छोटे भाई का शव दिल्ली के नरेला इलाके मे रेलवे ट्रैक के पास मिला था 

हत्यारोपितों  को सजा दिलाने में उन्हें 10 वर्ष का लम्बा समय लगा ,लेकिन हत्यारोपित पिता पुत्र को आजीवन करावास की सजा दिलाकर पिता को श्रद्धांजली दी है । हलाकि यह सब कुछ आसन नही रहा । परिवार को संभालने के साथ हि उन पर भी फैसला करने का दबाव बनाया गया , जब दबाव काम ना आया तो आकाश के खिलाफ झूठा मुकदमा दर्ज कराया गया ।

आकाश तब एक प्राइवेट कंपनी मे काम करते थे । वह पिता के हत्यारो को कड़ी सजा चाहते थे , इसलिए केके सिंह ने आकाश को कानून की पढ़ाई करने की सलाह दी । आकाश ने ग्रेटर नॉएडा के एक कॉलेज से कानून मे स्नातक की डिग्री हासिल की और वकील के रूप मे जिला अदालत मे केके सिंह के साथ मुकदमा लड़ा । इसके परिणामस्वरूप हत्यारोपित राजपाल और उनके एक बेटे ले आजीवन करावास की सजा सुनाई गयी , जबकि दो अन्य को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया ।

 

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