इस साल दुनियाभर में होंगी दिलचस्प खगोलिय घंटनाये : जनवरी में उल्का बौछारे
इस साल सूर्य से लेकर चंद्र ग्रहण व सोर तूफान के दिखेंगे अद्भुत नजारे
इस साल आकाश में सूर्य और चंद्र ग्रहण के साथ इस साल आकाश में सूर्य और चंद्र ग्रहण के साथ सोर तूफान का दुनिया भर में अद्भुत नजारा देखने को मिलेगा । उल्का की बौछार से लेकर कई खगोलीय घटनाएं होने वाली है । पहले महीने में चंद्र ग्रहण और पूर्ण सूर्य ग्रहण से पहले जनवरी की 5 तारीख को उल्का की बौछार देखने को मिल सकती है ।
खगोलविदों का अनुमान है कि हर घंटे करीब 80 उल्का पिंड की बारिश होगी । अगर यह प्रक्रिया चरम पर पहुंचती है तो यह आंकड़ा हर घंटे 200 के पार चला जाएगा । इसके बाद फरवरी में वुल्फ मून देखने को मिलेगा । इस वर्ष का पहला चंद्र ग्रहण भारत में आंशिक ही होगा यह 24 – 25 मार्च को लगेगा यह ग्रहण उत्तर और पूर्व एशिया, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया ,अफ्रीका ,उत्तरी अमेरिका, दक्षिणी अमेरिका , प्रशांत अंटार्कटिका ,आर्कटिक, अंटार्कटिका के अधिकांश हिस्सों में दिखेगा ।
आसमान मैं दिखाई देंगे और ओरोरा
इस वर्ष सोर गतिविधि भी बहुत ज्यादा देखने को मिलेगी। इसके चलते ध्रुव पर सामान्य से ज्यादा ओरोरा देखने को मिलेगा । सूर्य 2024 के मध्य से अंत तक अपने 11 साल के चक्र के चरम पर पहुंचने वाला है ।
अप्रैल मैं पहले सूर्य ग्रहण
अप्रैल में चैत्र अमावस्या को साल का पहला सूर्य ग्रहण लगेगा । यह पश्चिमी एशिया, दक्षिण पश्चिमी, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया ,अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका , दक्षिणी अमेरिका ,अंटार्कटिकामहासागर, उत्तरी ध्रुव और दक्षिणी ध्रुव में देखा जा सकेगा । भारत में इसका सूतक भी मान्य नहीं होगा ।
सितम्बर में चंद्र ग्रहण
दूसरा चंद्र ग्रहण 17- 18 सितंबर को लगेगा। यह आंशिक चंद्र ग्रहण होगा इसलिए भारत में नहीं दिखाई देगा । इसे यूरोप उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका दक्षिण और उत्तर अफ्रीका ,हिंद महासागर अंटार्कटिकामहासागर और आर्कटिक महासागर में देखा जा सकता है । अगस्त में 11 से 13 के बीच प्रशीड उल्का बौछार होगी । खगोलविदों के मुताबिक इस बार आसमान में लगभग 50 उल्का पिंड नजर आ सकते हैं । वहीं वर्ष 2024 में दिसंबर में 13 और 14 तारीख को जैमिनी उल्का बौछार होगी और पूरी रात चलेगी हर घंटे लगभग 75 उल्का देखी जा सकेंगे ।
चन्द्रमा पर उतारे जा सकते हैं चार एहम मिशन :
वर्ष 2023 में चंद्रमा पर उतरने के लिए तीन मिशन पृथ्वी से भेजें गए , जिनमें केवल भारत का चंद्रयान 3 ही सफल रहा। वर्ष 2024 में 4 मिशन इस काम के लिए भेजें जा सकते हैं। इसमें जापान का स्लिम सबसे पहले 20 जनवरी को चंद्रमा पर उतरने का प्रयास करेगा यह सितंबर में प्रक्षेपित हुआ था । इसके अलावा अमेरिका की निजी कंपनियां भी चंद्रमा पर दो मिशन उतारने का प्रयास करेंगे इनमें से एस्ट्रोबायोटिक का पैरेग्रीन लैंडर 8 जनवरी को प्रक्षेपित होगा और फरवरी में उतरेगा । इसके अलावा जापानी कंपनी इसस्पेस भी चंद्रमा पर मिशन उतारने का प्रयास कर सकती है । पिछले ही साल इसका और रूस का चंद्र मिशन विफल रहे थे ।
चन्द्रमा की परिक्रमा करेंगे अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री :
अमेरिका अपने आर्टेमिस 3 मिशन के जरिए आने वाले वर्षों में नागरिकों को चंद्रमा पर पहुंचानेे जा रहा है। इससे पहले वह नवंबर 2024 में आर्टिमिस 2 मिशन के जरिए 4 अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा की परिक्रमा के लिए भेज सकता है । साल 1972 के बाद पहली बार मनुष्य चंद्रमा के निकट जाएंगे।
यूनाइटेड लॉन्च एलियांज कंपनी का रॉकेट वोल्कानो 8 जनवरी को पहले उड़ान भर सकता है।
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