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इन घरेलु उपायो से करे अपने स्वास्थ की देखभाल : कभी नहीं पड़ेगी अस्पताल जाने की जरूरत

इन घरेलु उपायो से करे अपने स्वास्थ की देखभाल : कभी नहीं पड़ेगी अस्पताल जाने की जरूरत

इन उपायो से करे अपने स्वास्थ्य की देखभाल : 

1. दो-तीन लोंग को पानी में उबालकर पीने से कफ आना और जी मिचलाना जैसी बीमारियां दूर होती है ।

2. आपके होठों की त्वचा काली हो गई हो तो बादाम के तेल में चाई या कॉफी पाउडर मिलाकर होठों पर पांच मिनट तक लगाए,होंठ एकदम गुलाबी हो जाएंगे।

3. गेहूं के दाने को दही में मिक्स करके खाने से शरीर की हाइट बढ़ाने में फायदा होता है और साथ ही याददाश और दिमाग़ भी तेज होता है ।

4. नींबू को गर्दन में लगाकर 15 मिनट तक रहने दे और उसके बाद फिर धो ले। ऐसे हर हफ्ते करने गर्दन का कालापन काफी हद तक दूर हो जाता है ।

5. मीठे नीम की पत्तियां बेटा कैरोटीन और प्रोटीन से भरपूर होती है। जो बालों को मजबूत बनाने में मदद करती है और बालों का गिरना रोकती है ।

6. कम उम्र में अधिक कमजोरी, शक्ति की कमी या थकान हो तो रोज सुबह गर्म दूध में खजूर मिलाकर पीने से शरीर की कमजोरी दूर होती है ।

7. रोज ड्राई फ्रूट खाने से बीमारियों का खतरा कम होता है क्योंकि इसमें सभी पोषण तत्व भरपूर रहते हैं ।

8.नीम प्राकृतिक रूप सेइंसुलिन नियंत्रित करता है इसलिए हर रोज सुबह खाली पेट नीम की पति का रस पीने से मधुमोह को नियंत्रित किया जाता है ।

9. अगर शरीर पर लगातार खुजली हो रही हो तो सरसों के तेल से नियमित मालिश करने से खुजली से राहत मिलती है और खुजली के दौरान मसालेदार भोजन का सेवन ना करे

10. 15 सप्ताह तक नियमित रूप से अनार का सेवन करने से पैरों का दर्द ठीक हो जाता है । रोजाना अनार का सेवन करने से जोड़ो और हड्डियों के दर्द को आसानी से कम किया जा सकता है और अनार के जूस पीने से बीमारियों से छुटकारा पाने में  मदद मिलेगी।

सेहत के लिए जरूरी है जावित्री : 

आवश्यक तेलो, विटामिन और खनिजो के अनुठे संयोजन के कारण जावित्री के कई स्वास्थ लाभ है ।

दस्त, मतली,  और पेट फूलना की स्थिति में जावित्री का सेवन किया जाता है । यह किडनी से संबंधित विसंगतियो से रक्षा करती है ,साथ ही गुर्दे की पथरी संक्रमण और गुर्दे से जुड़ी अन्य समस्याओं को रोकने में भी मददगार है । जावित्री का उपयोग कफ सिरप तैयार करने के लिए एक सक्रिय घटक के रूप में किया जाता है । यह अस्थमा के लिए अच्छा इलाज होने के साथ-साथ शरीर को पुरानी खांसी और फ्लू से भी बचाती है । जावित्री में सीनामल्टीहाइट नामक योग होता है, जो रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में बहुत प्रभावित है । फफूंद और बैक्टीरिया के कारण होने वाले विभिन्न संक्रमणों को रोकने में प्रभावी जावित्री शरीर को प्रतिरक्षा तंत्र में सुधार करती है । जावित्री का उपयोग मूड स्विंग को ठीक करने के लिए किया जाता है जो मानसिक बीमारियों से जुड़ा हो सकता है। सूजन रोधी गुणों के लिए जानी जाने वाली जावित्री गंभीर जोड़ो के दर्द और अन्य सूजन सम्बन्धी स्थितियां का इलाज करती है। गठिया के दर्द से निपटने के लिए इसका तेल त्वचा पर लगाया जाता है ।

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