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राम मंदिर का इतिहास : जानिए कोन है वर्तमान में राम के वंशज

राम मंदिर का इतिहास : जानिए कोन है वर्तमान में राम के वंशज

राम मंदिर का इतिहास : 

1. राम मंदिर अयोध्या में राम जन्मभूमि के स्थान पर बनाया जा रहा है ये एक हिंदू मंदिर है जहां मान्यताओं के अनुसार हिंदू धर्म के भगवान विष्णु के अवतार भगवान श्री राम का जन्म स्थान है। मंदिर निर्माण की पर्यवेक्षक श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र कर रहा है

पहले अयोध्या का नाम साकेत हुआ करता था । इसके अलावा इसका नाम अयोध्या भी माना जाता है और बाद में इसे अयोध्या नाम दिया गया ऐसे में अयोध्या का नाम कौशल साकेत अयोध्या भी है ।

 

 

जानिए श्री राम के वंशजो के बारे में : 

आपको जानकर हैरानी होगी कि प्रभु श्री राम के वंशज कलयुग मे हम लोगों के बीच ही है । तो जानते है उनके बारे में –

अयोध्या में राजवंश परिवार के मौजूदा राजा के रूप में वीरेंद्र मोहन प्रताप मिश्र आज भी अयोध्या के लोगों के बीच राजा साहब के रूप में जाने जाते हैं ।

जयपुर राजघराना में  राम के वंशज है । जयपुर राजघराने की महारानी पद्मिनी और परिवार के लोग राम के पुत्र कुश के वंशज हैं। कुछ समय पहले महारानी पद्मिनी ने एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा था कि उनके पति भवानी सिंह कुश के 360 वे वंशज है ।

किउ है मंदिर के लिए इतना बवाल ?

31 साल हो गए हैं जब अयोध्या में बाबरी मस्जिद के गुंबदों को हजारों लोगों की भीड़ में गिरा दिया था । जिनमें से अधिकांश संघ परिवार से थे यह विद्वान हिंदुओं के विश्वास पर वर्षों की सामाजिक राजनीतिक बहस के परिणाम स्वरुप हुआ की मस्जिद का स्थान राम जन्मभूमि भगवान राम का जन्म स्थान था । जानकारों के अनुसार मंदिर का यह विवाद उससे भी पुराना है, मंदिर 1528 में नहीं तोड़ा गया बल्कि औरंगजेब द्वारा नियुक्त विदाई खान ने 1660 में उसे तोड़ा था। हिंदुओं के दावे के बाद से विवादित जमीन पर नमाज के साथ-साथ पूजा भी होने लगी। 1853 में अवध के नवाब वाजिद अली शाह के समय पहली बार अयोध्या में सांप्रदायिक हिंसा भड़की।

इस मुद्दे ने 1980 के दशक में गति पकड़ी जब विश्व हिंदू परिषद भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ आरएसएस सहित विभिन्न दक्षिणपंथी हिंदू समूहो ने विवादित स्थल पर राम मंदिर के निर्माण की वकालत करते हुए अभियान शुरू किया।

134 साल पुराने अयोध्या मंदिर मस्जिद विवाद पर  सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अगवाई वाली पांच सदस्य संविधान पीटने सर्वसम्मति से यह फैसला सुनाया

 

 

इसके कोषाध्यक्ष गोविंद देवगिरी ने 7 अगस्त को कहा था ट्रस्ट को अब तक देश भर के नागरिकों और विभिन्न संगठनों से 3200 करोड रुपए मिले हैं ट्रस्ट ने यह भी बताया है कि उसने राम मंदिर के निर्माण पर 900 करोड रुपए खर्च किए हैं ।

इसमें 2019 में अयोध्या के राम मंदिर बाबरी मस्जिद विवाद पर फैसला भी शामिल है इस मामले में पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता में पांच जजों की बेंच ने फैसला सुनाया था इस ब्रांच में रंजन गोगोई के अलावा जस्टिस मुंबई चंद्रचूड़ जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस नजीर शामिल थे ।

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राम मंदिर का इतिहास : जानिए कोन है वर्तमान में राम के वंशज ?

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