पाकिस्तान में टूटे मंगाई के सारे रिकॉर्ड : जानिए कितना है पाकिस्तान पर कर्ज
भारत और पाकिस्तान एक ही समय पर आजाद हुए थे और भारत की अपेक्षा पाकिस्तान की जनसंख्या कम थी जबकि उसके पास पैसा बहुत अधिक और भारत के पास पैसा कम था जबकी भारत की जनसंख्या अधिक थी। इसके बाद भी भारत जैसे बड़े देश ने अपने इकोनामी को अच्छे से चलाया जबकि पाकिस्तान ने आतंकवाद को अपना मकसद बनाया । जीस वजह से आज पाकिस्तान कंगाली के कगार पर खड़ा है जबकि भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहा है । फिलहाल अभी भारत विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और भारत का लक्ष्य है कि 2047 तक भारत विकासशील नहीं विकसित देश बने ।
लाहौर में 400 रूपये दर्जन मिल रहे अंडे और प्याज 250 रुपए किलो
पाकिस्तान में रोजमर्रा की चीजों की कीमते आसमान छू रही है लाहौर में 400 पाकिस्तानी रुपए प्रति दर्जन अंडे मिल रहे जबकि प्यार 250 रुपए किलो। एआरवाई न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि प्रशासन सरकारी दर को लागू करने में विफल रहा है।
रिपोर्ट के अनुसार सरकार की ओर से निर्धारित दर 175 रुपए प्रति किलोग्राम के मुकाबले प्याज़ 230 से 250 पीकेआर प्रति किलो के बीच बेचा जा रहा है। चिकन भी ₹615 प्रति किलो बिक रहा है वित्तीय वर्ष 2023 -24 में पिछले साल नवंबर के अंतिम तक कुल कर्ज बढ़कर 63,399 लाख करोड़ पीकेआर हो गया है। इसमें घरेलू कर्ज में 40,956 लाख करोड़ और अंतरराष्ट्रीय कर्ज में 22,434 लाख करोड़ पीकेआर शामिल है। पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट और कार्यवाहक सरकार के कार्यकाल के दौरान पाकिस्तान का कुल कर्ज 12.430 लाख करोड़ पीकेआर था।
पाकिस्तान का आर्थिक विकास अमीरों तक ही
रिपोर्ट में विश्व बैंक की एक रिपोर्ट का हवाला दिया गया है, जिसमें कहा गया है कि पाकिस्तान का आर्थिक विकास अमीर वर्ग तक ही सीमित है इसके चलते पाकिस्तान आर्थिक संकट के मद्देनज़र अपने साथी देश के बहुत पिछड़ गया है।
जमाखोरी और मुनाफाखोरी बढ़ गई
पिछले महीने वित्त राजस्व और आर्थिक मामलों के कार्यवाहक संघीय मंत्री शमशाद अख्तर की अध्यक्षता में आर्थिक समन्वय सीमित बैठक में राष्ट्रीय मूल्य निगरानी समिति को मूल्य स्थिरता सुनिश्चित करने और जमाखोरी और मुनाफाखोरी को रोकने के उपाय के लिए प्रांतीय संस्कारों के नियमित समन्वय जारी रखने का निर्देश दिया था , लेकिन ऐसा नहीं हो पाया।
पाक का आर्थिक मॉडल अप्रभावी
पाकिस्तान के लिए विश्व बैंक के कंट्री निदेशक नेजी बेन्हासीन ने कहा कि पाकिस्तान का आर्थिक मॉडल प्रभावित हो गया है और गरीबी फिर से बढ़ने लगी है बेन्हसीन ने कहा कि पाकिस्तान के आर्थिक विकास टिकाऊ नहीं है।
कितना है पाकिस्तान पर कर्ज :
कर्ज और महंगाई में पिस रहा पाकिस्तान पर कुल 6339 ने लाख करोड़ का कर्ज़ है । जिसमें घरेलू कर्ज 40.956 लाख करोड़ और अंतरराष्ट्रीय कर्ज 22.434 लाख करोड़ पीकेआर है । पाकिस्तान की हालत और सरकारी नीति देखकर नहीं लगता कि पाकिस्तान आसानी से इस कर्ज से उभर पाएगा क्योंकि उसको इस कर्ज में फसाने वाला शातिर पड़ोसी चीन है , जो कमजोर देश को कर्ज देकर अपने जाल में फसाता है ।
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