Uttarakhand too Mumbai New train : कुमाऊं को मिला दिवाली का तोहफा
रेलवे ने कुमाऊं को दीपावली का तोहफा दिया है। सोमवार से लालकुआं-बांद्रा सुपरफास्ट साप्ताहिक ट्रेन शुरू हो गई है। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून से वर्चुअल माध्यम से हरी झंडी दिखाकर ट्रेन को रवाना किया।
सीएम ने कहा कि बाबा नीर्ब करौरी महाराज के आशीर्वाद से लालकुआं से बांद्रा (मुंबई) के लिए ट्रेन संचालन का सपना पूरा हो गया है। इस ट्रेन के चलने से कैंची धाम, जागेश्वर और अन्य धार्मिक स्थलों के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर विकल्प मिलेगा। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का आभार व्यक्त किया।सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हम भारतीय रेल के स्वर्णिम युग की ओर आगे बढ़ रहे हैं। प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन और केंद्र सरकार के सहयोग से पहाड़ तक ट्रेन पहुंचने का सपना ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन बनने के साथ पूरा हो जाएगा। टनकपुर-बागेश्वर रेल लाइन पर भी सर्वे का काम पूरा हो चुका है, जल्द ही इस रूट पर भी कार्य शुरू कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड से काशी, अयोध्या और अन्य प्रमुख शहरों के लिए रेल सेवा के और विस्तार के लिए प्रयास किए जाएंगे। सांसद अजय भट्ट ने कहा कि मुंबई के लिए रेल सेवा शुरू होने से कुमाऊं की जनता के साथ ही यहां आने वाले पर्यटकों को भी काफी सहूलियत मिलेगी।
पुलिस के लिए पौष्टिक आहार, वर्दी भत्ते और आवासीय सुविधा की घोषणा
पुलिस स्मृति दिवस पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पुलिस विभाग के लिए सौगातों का पिटारा खोल दिया। उनके आवासीय भवन निर्माण के लिए आगामी वित्तीय वर्ष में 100 करोड़ रुपये जारी किए जाएंगे। अब 7,500 रुपये प्रति पांच वर्ष हुआ वर्दी भत्ता : सीएम ने इंस्पेक्टर से सहायक सब इंस्पेक्टर तक के पुलिसकर्मियों के वर्दी भत्ते में 3,500 रुपये की बढ़ोतरी की है। पहले यह भत्ता हर पांच साल में 4,000 रुपये मिलता था। अब इसे लगभग दोगुना 7,500 रुपये प्रति पांच साल किया गया है।
■ आगामी वित्तीय वर्ष में आवासीय भवनों के निर्माण के लिए 100 करोड़ रुपये दिए जाएंगे।
■ पौष्टिक आहार भत्ते में 100 रुपये की वृद्धि।
■ नौ हजार फीट से अधिक ऊंचाई पर तैनात
एसडीआरएफ और पुलिसकर्मियों के लिए उच्चतुंगता भत्ते में 100 रूपये प्रतिदिन की बढ़ोतरी।
मदरसों के बच्चे सरकारी स्कूल में नहीं भेजे जाएंगे
बाल संरक्षण आयोग की अनुशंसा पर सुप्रीम रोक
सुप्रीम कोर्ट ने गैर- मान्यता प्राप्त मदरसों से छात्रों को सरकारी स्कूलों में स्थानांतरित करने पर रोक लगा दी है। शीर्ष अदालत ने राज्यों को राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) के पत्र में की अपील को लागू नहीं करने का निर्देश दिया।
भारत के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की तीन सदस्यीय पीठ के समक्ष मुस्लिम संगठन जमीयत उलमा-ए-हिंद की वकील इंदिरा जयसिंह ने कहा कि एनसीपीसीआर के संचार व कुछ राज्यों की परिणामी कार्रवाइयों पर रोक लगाने की जरूरत है। पीठ ने इस दलील पर गौर किया। मुस्लिम संगठन ने उत्तर प्रदेश और त्रिपुरा सरकार की कार्रवाई को विशेष रूप से चुनौती दी। दोनों राज्यों ने गैर मान्यता प्राप्त मदरसों के बच्चों को सरकारी स्कूल में स्थानांतरिक करने का निर्देश दिया था।पीठ ने आयोग के 7 जून व 25. जून को जारी पत्रों के संचालन पर रोक लगा दी। शीर्ष अदालत ने कहा कि इस संबंध में राज्य सरकारों के निर्देशों पर भी रोक रहेगी। पीठ ने जमीयत उलमा-ए-हिंद को यूपी व त्रिपुरा सरकार के अलावा अन्य राज्यों को भी उसकी याचिका में प्रतिवादी बनाने का निर्देश दिया।
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