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GST Collection Big Update: जीएसटी संग्रह दूसरी बार सर्वाधिक, 9 फीसदी बढ़कर छह महीने के शीर्ष पर 

त्योहारों में घरेलू बिक्री बढ़ने और अनुपालन में सुधार से जीएसटी संग्रह अक्तूबर, 2024 में सालाना आधार पर करीब 9 फीसदी बढ़कर छह माह के उच्च स्तर 1,87,346 करोड़ पर पहुंच गया। यह अब तक का दूसरा सर्वाधिक मासिक जीएसटी संग्रह है। इससे पहले अप्रैल, 2024 में सरकार को जीएसटी के जरिये सबसे ज्यादा 2.10 लाख करोड़ की कमाई हुई थी।

सरकार की ओर से शुक्रवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, अक्तूबर लगातार आठवां महीना है, जब मासिक जीएसटी संग्रह औसतन 1.70 लाख करोड़ से अधिक रहा है। जीएसटी संग्रह अक्तूबर, 2023 में 1.72 लाख करोड़ और सितंबर, 2024 में 1.73 लाख करोड़ से अधिक रहा था।

कुल 1,87,346 करोड़ रुपये के जीएसटी संग्रह में केंद्रीय जीएसटी की हिस्सेदारी 33,821 करोड़ रही। राज्य जीएसटी का 41,864 करोड़ रुपये, एकीकृत जीएसटी का 99,111 करोड़ रुपये और उपकर का 12,550 करोड़ रुपये का योगदान रहा। पिछले महीने घरेलू लेनदेन से प्राप्त राजस्त्र 10.6 फीसदी बढ़कर 1.42 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया, जबकि आयात पर कर राजस्व 4 फीसदी की वृद्धि के साथ 45,096 करोड़ रहा। अक्तूबर में 19,306 करोड़ रुपये के रिफंड जारी किए गए, जो पिछले साल की समान अवधि से 18.2 फीसदी अधिक है। रिफंड समायोजन के बाद शुद्ध जीएसटी संग्रह 8 फीसदी बढ़कर 1.68 लाख करोड़ से अधिक हो गया।

कोयला उत्पादन : 7.4% बढ़कर 8.44 करोड़ टन

देश का कोयला उत्पादन अक्तूबर, 2024 में 7.4 फीसदी बढ़कर 8.44 करोड़ टन पहुंच गया। एक साल पहले के समान महीने में यह 7.85 करोड़ टन था।

• कोयला मंत्रालय ने कहा, निजी उपभोग वाली खदानों व अन्य इकाइयों से 1.65 करोड़ टन कोयले का उत्पादन हुआ।

• चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-अक्तूबर तक कुल कोयला उत्पादन 6.1 फीसदी बढ़का 53.74 करोड़ टन पहुंच गया।

यूपीआई लेनदेन : पहली बार 23 लाख करोड़ के पार

यूपीआई के जरिये लेनदेन की संख्या अक्तूबर में बढ़कर रिकॉर्ड 16:58 अरब पहुंच गई। मूल्य के लिहाज से भी इस दौरान 23.5 लाख करोड़ रुपये के यूपीआई लेनदेन हुए। यह पहली बार जब यूपीआई लेनदेन ने संख्या के लिहाज से 16 अरब और मूल्य के मोर्चे पर 23 लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा पार किया है। इससे पहले संख्या के लिहाज से सितंबर में सर्वाधिक 15.04 अरब यूपीआई लेनदेन हुआ था, जबकि मूल्य के लिहाज से जुलाई में सबसे ज्यादा 20.64 लाख करोड़ का लेनदेन हुआ था।

■ आईएमपीएस लेनदेन मूल्य के लिहाज से 11 फीसदी बढ़कर 6.29 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया। संख्या के आधार पर लेनदेन 9 फीसदी की वृद्धि के साथ 46.7 करोड़ पहुंच गया।

■ फास्टैग लेनदेन भी संख्या व मूल्य के लिहाज से क्रमशः 8 फीसदी एवं 9 फीसदी बढ़ा है।

पेट्रोल बिक्री : 7.3 फीसदी बढ़ी, डीजल में गिरावट जारी

त्योहारी सीजन में निजी वाहनों के इस्तेमाल में वृद्धि से अक्तूबर में पेट्रोल की बिक्री 7.3 फीसदी बढ़ गई, जबकि डीजल की बिक्री में गिरावट जारी है। पेट्रोलियम कंपनियों के शुक्रवार को जारी प्रारंभिक आंकड़ों के मुताबिक, अक्तूबर में कुल 31 लाख टन पेट्रोल को बिक्री हुई। यह आंकड़ा एक साल पहले की समान अवधि में 28.7 लाख टन था। इस दौरान डीजल मांग 3.3 फीसदी घटकर 67 7 लाख टन रह गाई। चारिश का मौसम लंबा खिंचने से कृषि क्षेत्र में माम कम होने से डीजल की मांग घटी है।

• पिछले कुछ माह में पेट्रोल-डीजल की बिक्री सुस्त रही है क्योंकि मानसून की बारिश ने वाहनों की आवाजाही और कृषि क्षेत्र की मांग को कम कर दिया है।

■ विमान ईंधन की बिक्री अक्तूबर में सालाना आधार पर 2.5 फीसदी बढ़कर 6,47,700 टन पहुंच गई।

• एलपीजी की बिक्री सालाना आधार पर 7.5 फीसदी की वृद्धि के साथ 28.2 लाख टन रही।

बिजली खपत : बढ़कर 140.4 अरब यूनिट

देश में बिजली खपत अक्तूबर में सालाना आधार पर करीच एक फीसदी बढ़कर 140.47 अरब यूनिट पहुंच गई।

भारी आधार प्रभाव के कारण खपत में मामूली बढ़ोतरी हुई है। अक्तूबर, 2023 में बिजली खपत 22 फीसदी से अधिक बढ़कर 139.44 अरब यूनिट पहुंच गई थी। आंकड़ों के मुताबिक, अक्तूबर कई दशकों का सबसे गर्म महीना रहा। पिछले महीने एक दिन में बिजली की अधिकतम मांग अक्तूबर, 2023 के 221.53 गीगावॉट से कम होकर 219.22 गीगावॉट रही।

विशेषज्ञों ने कहा, उच्च आधार प्रभाव के कारण बिजली की मांग के साथ खपत में भी मामूली वृद्धि देखी गई। अच्छी वाणिज्यिक व औद्योगिक गतिविधियों के कारण आने वाले दिनों में मांग स्थिर रहेगी।

 

 

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