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ज्ञानवापी मंदिर ASI रिपोर्ट : जानिए रिपोर्ट में किन बातो का हुआ खुलासा

ज्ञानवापी में था बड़ा मंदिर : 

ASI सर्वे की रिपोर्ट में खुलासा :

32 जगह मंदिर के साक्ष्य

तहखाने में देवी देवताओं की मिली मुर्तिया

महामुक्ति मंडप लिखा मिला, जिसे एहम साक्ष्य माना जा रहा

वाराणसी ज्ञानवापी परिसर कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण एएसआई कि सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक ज्ञानवापी बड़ा हिंदू मंदिर था । सर्वे के दौरान 32 जगह मंदिर से संबंधित प्रमाण मिले हैं पक्षकरों को जो सर्वे रिपोर्ट दी गई है, वह 839 पेज कि है। पश्चिम दीवार हिंदू मंदिर का हिस्सा है । इसे आसानी से पहचाना जा सकता है जो संदर्भ मिले हैं जो स्तंभ मिले है वे भी मंदिर के हैं इनका दोबारा इस्तेमाल किया गया था ।
मुकदमे के पक्षकरो ने सर्वे रिपोर्ट बृहस्पतिवार को सर्वजनिक कर दी इसके मुताबिक देवनागरी ग्रंथ, तेलुगु व कन्नङ भाषा में शिलालेख भी मिले हैं। जनार्दन रुद्र और विश्वेश्वर के शिलालेख भी है। एक जगह महामुक्ति मंडप लिखा है जिसे हम साक्ष्य माना गया है। हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जी ने बताया एएसआई ने माना है कि मंदिर सत्रहवी शताब्दी में तोड़ा गया था। इसकी तिथि 2 सितंबर 1669 हो सकती है। मंदिर के स्तंभों का मस्जिद निर्माण में प्रयोग किया गया।

पक्षकारो का दावा – बाबा मिल गए अब सेल वजू खाने के सर्वेक्षण के लिए सुप्रीम कोर्ट को करेंगे अनुरोध चार भाषाओं में शिलालेख, देवनागरी, ग्रंथ, कन्नड़

तहखाना में हिंदू देवी देवताओं की मूर्तियां मिली है। अयोध्या की तरह मस्जिद से पहले मंदिर का ढांचा मिला है। हिंदू पक्ष अब सुप्रीम कोर्ट से ज्ञानवापी के सील वजूखाने की एएसआई से सर्वे करने का आग्रह करेगा। हिंदू पक्ष की महिला वादी ने कहा बाबा मिल गए हैं। कोर्ट में अब पूजा अर्चना की अनुमति मांगेंगे। जिला जब डॉ अजय कृष्णा विश्वेश अदालत ने बुधवार को सर्वे रिपोर्ट पक्षकाओं को देने का आदेश दिया था। इसकी प्रति बृहस्पतिवार को कोर्ट से मिला। इसके बाद अधिवक्ता विष्णु जैन ने मीडिया से कहा सर्वे साबित हो गया की ज्ञानवापी बड़ा मंदिर था जिसे तोड़कर मस्जिद का रूप दिया गया। सील वजू खाने का छोड़कर सर्वे रिपोर्ट एएसआई ने 18 दिसंबर 2023 को दाखिल की थी। मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता एखलाक अहमद ने कहा रिपोर्ट के अध्ययन के बाद साक्ष्य के साथ कोर्ट में जवाब दाखिल करेंगे मामले की सुनवाई 6 फरवरी को होगी।

रिपोर्ट : औरंगजेब ने 17वीं शताब्दी में मंदिर तोड़कर उसके ढांचे पर खड़ी कर दी मस्जिद-

हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन के अनुसार एएसआई रिपोर्ट में कहां है कि 17वीं शताब्दी में औरंगजेब ने विश्व दांत मंदिर संरचना को नष्ट कर मस्जिद का निर्माण कराया था। मंदिर के कुछ हिस्से में बदलाव कर पुनः इस्तेमाल किया गया।

* रिपोर्ट के अनुसार, मासीर-ए – अलमगीरी में उल्लेख है कि 2 सितंबर 1669 को सम्राट के आदेश पर औरंगजेब के अधिकारियों ने विश्वनाथ मंदिर को ध्वस्त किया था। ज्ञानवापी में मस्जिद निर्माण औरंगज़ेब के शासन के विश्व वर्ष यानी 1676-77 मे किया। बरामदे व अन्य हिस्सों की मरम्मत 1792 -93 मे की गयी।

* ज्ञानवापी में तहखाना बनाते समय मंदिर के स्तंभों का ही उपयोग किया गया था। मूर्तियां व मक्काशिदार वास्तुशिल्प ज्ञानवापी के एस-2 तहखाना में फेंकी गई मिट्टी के नीचे दबे पाए गए।

* ज्ञानवापी में 34 शिलालेख मिले हैं जो पहले मौजूद हिंदू मंदिर के पत्थर के हैं।

* अंदर की तरफ ललाटबिम्ब पक्षियों और विकृत छवि वाला छोटा प्रवेश द्वार है। बाहर सजावट के लिए  जानवरों से पता चलता है कि पश्चिमी दीवार हिंदू मंदिर का शेष हिस्सा है। कल वह वास्तु कला के आधार पर इस पर्व संरचना को हिंदू मंदिर के रूप में पहचाना जा सकता है।

* हिंदू महिला वादी ने कहा हिंदू पक्ष का दावा सच साबित हुआ है।विश्वेशर मंदिर ध्वस्त कर उसे मस्जिद का रूप दिया गया।

* अधिवक्ता जैन का दावा है मौजूदा वास्तुशिल्प अवशेष दीवारों पर सजाए गए सांचे केंद्रीय कक्ष के कऱण रथ प्रति रथ मिले हैं। पश्चिमी कक्षा की पूर्वी दीवार पर बड़ा सजाया प्रवेश द्वार है। घटिया से सजाया स्तंभ मिला।

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