Mon. Dec 23rd, 2024
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Group Join Now

कोन है कमला देवी : जो कोक स्टूडियो तक पहुंची है

कमला देवी, उत्तराखंड की एक विशिष्ट फोक सिंगर हैं, जिन्होंने अपनी मधुर आवाज और गहरे भावों से लोक संगीत की परंपरा को संजोये रखा है। उत्तराखंड, भारत का एक पर्वतीय राज्य, अपनी विविध सांस्कृतिक धरोहर और लोकगीतों के लिए प्रसिद्ध है। इसी धरोहर को आगे बढ़ाने में कमला देवी का बहुत बड़ा योगदान है।

प्रारंभिक जीवन

कमला देवी का जन्म उत्तराखंड के बागेश्वर जिले के एक छोटे से गाँव लखड़ी में हुआ था। बचपन से ही उन्हें अपने परिवार से संगीत की शिक्षा मिली। उनकी माँ और दादी भी गाँव में लोक गीत गाया करती थीं। कमला देवी ने न केवल उनके गीतों को सीखा, बल्कि उन्हें अपनी शैली में ढालने का प्रयास किया। उन्होंने लोक संगीत की बारीकियों को समझते हुए उसे अपनी आवाज़ में उतारा।

संगीत करियर

कमला देवी ने अपने करियर की शुरुआत छोटे-छोटे सांस्कृतिक कार्यक्रमों में प्रस्तुतियाँ देकर की। उनकी आवाज में एक विशेष प्रकार की मिठास और दर्द है, जो श्रोताओं को गहराई से छू जाती है। उन्होंने कई प्रसिद्ध उत्तराखंडी गीतों को गाया है, जैसे कि “छोरी बिना चाँदनी रात,” “नौंदा देवी भजन,” और “घुघुती ना बासा।”

योगदान और प्रभाव

कमला देवी का सबसे बड़ा योगदान यह है कि उन्होंने उत्तराखंड के लोक संगीत को एक नई पहचान दी है। उनके गीत न केवल उत्तराखंड में, बल्कि समूचे भारत और विदेशों में भी सुने जाते हैं। उन्होंने अपने संगीत के माध्यम से उत्तराखंड की सांस्कृतिक और सामाजिक पहचान को मजबूत किया है।

सम्मान और पुरस्कार

कमला देवी को उनके असाधारण योगदान के लिए कई पुरस्कार और सम्मान से नवाजा गया है। उत्तराखंड सरकार द्वारा उन्हें ‘लोक संगीत रत्न’ से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा, विभिन्न सांस्कृतिक संस्थानों ने भी उन्हें अपनी प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया है।

व्यक्तिगत जीवन और विरासत

कमला देवी का व्यक्तिगत जीवन उनके संगीत से उतना ही समृद्ध है। वह एक परिवार में पली-बढ़ी जहाँ संगीत की साधना को बहुत महत्व दिया जाता है। उनकी एक बेटी है, जिसे भी वह संगीत की शिक्षा दे रही हैं। कमला देवी की विरासत न केवल उनके संगीत में बल्कि उनके द्वारा प्रेरित आने वाली पीढ़ियों में भी जीवित रहेगी।

निष्कर्ष

कमला देवी ने अपनी आवाज़ और अपने संगीत के जरिए उत्तराखंड की लोक संगीत परंपरा को एक नई दिशा और गति प्रदान की है। उनका जीवन और कार्य यह दर्शाता है कि किस तरह एक कलाकार अपनी कला के माध्यम से समाज में परिवर्तन ला सकता है और सांस्कृतिक विरासत को आगे बढ़ा सकता है। उनकी गायन शैली, उनके गीतों की भावनाएँ, और उनकी आवाज़ का जादू हमेशा उनके श्रोताओं के दिलों में रहेगा।

ये भी जाने 

Pixel 8a: Google का बजट-अनुकूल स्मार्टफोन जो प्रीमियम फीचर्स से भरपूर है

उत्तराखंड के जंगलों में आग: एक विश्लेषण

कोन है कमला देवी : जो कोक स्टूडियो तक पहुंची है

हमे उम्मीद है खबर आपको पसंद आयी होगी , खबर पसंद आये तो इसे ज्यादा से ज्यादा लोगो तक शेयर करे , और ऐसे ही अपडेटेड खबरें सबसे पहले आप तक पहुंचे उसके लिए नोटिफिकेशन ऑन करें।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *