Mon. Dec 23rd, 2024
WhatsApp Group Join Now
Telegram Group Join Now
Instagram Group Join Now

2030 तक तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा भारत !

SNDP ग्लोबल रेटिंग्स का कहना है  2030 तक भारत तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जायेगा । वित्त वर्ष 2026 – 2027 मे देश के सकल घरेलु उत्पाद (GDP)  की विकास दर सात फीसदी तक पहुंच सकती है । वित्त वर्ष 2024 -25 में वृद्धि 6.9 फीसदी रह सकती है ।

 

 

विनिर्माण वाली जीडीपी के लिए मजबूत लॉजिस्टिक ढाचे की जरूरत :

एजन्सी के अनुसार देश को विशाल अवसर का फायदा उठाना और अगला बडा वेश्विक विनिर्माण केंद्र बनने की जरुरत होगी । एक मजबूत लॉजिस्टिक ढाचा विकसित करना भारत को सेवा प्रधान से  विनिर्माण प्रमुख अर्थव्यवस्था मे बदलने में महत्वपूर्ण होगा । हमें उम्मीद है की यह तीन वर्षे मे सबसे तेजी से बढ़ने वाली जीडीपी होगी । भारत वर्तमान में अमेरिका चीन जर्मनी और जपान के बाद दुनिया की पाचवी सबसे बडी अर्थव्यवस्था है इसकी जीडीपी 2022 – 23 मे 3.73 लाख करोड़ डॉलर की रही है ।

कर्ज से चीन के बॉन्ड की रेटिंग नकारात्मक 

मूडीज  इन्वेस्टर सर्विस ने चीन के बढते कर्ज को लेकर चिंता जाताया है । इसने चीन सावरेन  बोंड का आऊटलूक स्थिर से घाटाकर नकारात्मक कर दिया है ।  एजन्सी ने कहा है की सरकारो और सरकारी कंपनी का समर्थन करने के लिए चीन का राजकोषीय प्रोत्साहन उपयोग देश की अर्थव्यवस्था के लिए नकारात्मक जोखीम पैदा कर रहा है।

 

2027-28 तक पांच लाख करोड़ डॉलर की जीडीपी का अनुमान:

अंतरराष्ट्रीय  मौद्रिक कोष (IMF) ने 2027-28 तक भारत की जीडीपी पाच लाख करोड डॉलर होने का अनुमान जताया है । एसएनडीपी ने कहा की श्रम बाजार की संभावनाओ को अनलॉक करना काफी हद तक श्रमिकों  के कोशल् बढाने और कार्यबल मे महिला भागीदारी बढाने पर निर्भर करेगा । संडप ने कहा  तेजी से बढता घरेलू डिजिटल बाजार अगले दशक तक भारत के उच्च विकास स्टार्टअप तंत्र मे विस्तार को बढ़ावा दे सकता है ।

यह भी जाने : 

जीडीपी क्या होती है 

ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट (जीडीपी): एक आर्थिक परिकल्प

ग्रॉस डोमेस्टिक प्रोडक्ट (जीडीपी) एक महत्वपूर्ण आर्थिक पैम्बर है जो किसी देश की आर्थिक स्वस्थता को मापता है। यह एक समग्र माप है जो देश की सारी आर्थिक गतिविधियों को शामिल करता है और दर्शाता है कि एक देश में कितना मूल्य सृष्टि हो रहा है।

जीडीपी की गणना मुख्यत:

  1. उत्पाद सेक्टरों के मौद्रिक योजनाओं के माध्यम से: जीडीपी का हिस्सा बनने वाले विभिन्न सेक्टरों की उत्पादन योजनाओं के आधार पर किया जाता है, जैसे कि कृषि, उद्योग, और सेवाएं।
  2. खर्च प्रवृत्तियों के द्वारा: लोगों और सरकार के द्वारा किए जाने वाले खर्चों को जोड़कर। यह व्यक्तिगत खर्च, सरकारी खर्च, और निवेशों से संबंधित होता है।

जीडीपी का बड़ा होना एक देश की आर्थिक स्थिति को सुधारने का संकेत हो सकता है, लेकिन यह यह भी दिखा सकता है कि सारे लाभ का न्यूनतम स्तर कितना है और सामाजिक आर्थिक असमानता की मात्रा क्या है। इसलिए, जीडीपी एक देश की आर्थिक पॉलिसी और विकास की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

 

 

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *