चिकित्सा क्षेत्र में एआई पर जोर : जापान के साथ काम करेगा भारत
चिकित्सा के क्षेत्र में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए भारत और जापान मिलकर काम करेंगे। सोमवार को जेनेवा में विश्व स्वास्थ्य सभा के दौरान दोनों देशों के प्रतिनिधियों के बीच बैठक हुई। इस दौरान साल 2018 में हस्ताक्षरित सहयोग ज्ञापन पर जल्द ही संयुक्त कार्य समूह आयोजित करने पर सहमत हुई है।
भारत की ओर से केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव अपूर्व चंद्रा ने डिजिटल स्वास्थ्य, स्वास्थ्य में एआई के उपयोग, बुजुर्गों की देखभाल, गैर संचारी रोगों में सहयोग के क्षेत्रों का विस्तार करने के लिए जापान के साथ मिलकर काम करने पर चर्चा की। इसके अलावा जापानी भाषा में नर्सिंग पेशेवरों के प्रशिक्षण पर चल रहे कार्यक्रम को मजबूत करने पर भी आपसी सहमति हुई है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि जेनेवा में 27 से 29 मई के बीच विश्व स्वास्थ्य सभा का आयोजन किया जा रहा है जिसमें भारत का प्रतिनिधिमंडल भी शामिल हुआ है। इसी सभा में जानकारी यह भी है कि जापान के अलावा भारत ने मॉरीशस के साथ मिलकर भी कई स्वास्थ्य समझौते किए हैं। मॉरीशस से मुलाकात के दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने मॉरीशस में स्थापित जन औषधि केंद्र को पूर्ण रूप से कार्यात्मक बनाने के लिए प्रमाणन से संबंधित नियामक प्रक्रियाओं में तेजी लाने का भरोसा दिलाया। उन्होंने यह भी कहा कि जिन मेडिकल छात्रों ने अपनी इंटर्नशिप पूरी कर ली है, उनकी परीक्षा आयोजित करने की सुविधा के लिए एनबीईएमएस के साथ समझौता ज्ञापन के नवीनीकरण पर काम किया जाएगा।
मॉरीशस के साथ भी समझौते
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने महामारी कोष का प्रस्ताव भी रखा है जिस पर पिछले तीन साल से काम चल रहा था। सदस्य देशों से सहमति के लिए अंतिम दिन डब्ल्यूएचओ की ओर से घोषणा की जाएगी। सभा के पहले दिन मौसम और स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों को लेकर चर्चा हुई है।
भारतीयों को मिलेगा रोजगार
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि बैठक के दौरान मॉरीशस ने अपने देश में काम करने के इच्छुक स्वास्थ्य क्षेत्र के आईटी विशेषज्ञों की पहचान के लिए भारत से सहायता मांगी है। इस प्रस्ताव पर भारत ने सहमति जताई है। आगामी दिनों में इस प्रक्रिया के तहत देश के युवाओं को विदेशों में रोजगार के नए अवसर प्राप्त होंगे। इसके अलावा डिजिटल स्वास्थ्य और स्वास्थ्य कार्य बल की क्षमता निर्माण में भी भारत सहयोग करेगा।
ये भी जाने :
अगली महामारी से निपटने की तैयारियों पर डब्ल्यूएचओ की वार्षिक बैठक शुरू
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कोविड-19 के मद्देनजर अगली महामारी से निपटने के लिए वैश्विक तैयारियों को मजबूत करने के उद्देश्य से सदस्य देशों के मंत्रियों और अन्य शीर्ष प्रतिनिधियों के साथ सोमवार को अपनी वार्षिक बैठक शुरू की।
सर्वाधिक महत्वाकांक्षी परियोजना महामारी को लेकर एक संधि पर हस्ताक्षर करना है लेकिन मसौदा नहीं तैयार किए जा सकने के चलते यह ठंडे बस्ते में है। डब्ल्यूएचओ महानिदेशक टेड्रॉस गेब्रेयेसस ने कहा, शुक्रवार तक इस पर एकजुट ना हो पाना कोई नाकामी नहीं है और सात अरब डॉलर के सहायता की दरकार डब्ल्यूएचओ ने एक नया निवेश दौर शुरू करते हुए 7 अरब डॉलर की धनराशि जुटाने का लक्ष्य रखा है। 77 वीं विश्व स्वास्थ्य सभा से पहले महानिदेशक टेड्रॉस गेब्रेयेसिस ने कहा, प्रतिबद्धता बढ़ने से 2025 से 2028 तक चार वर्षों में एजेंसी को लक्ष्य बढ़ाना पड़ा है। उन्होंने कहा, निवेश दौर यह सुनिश्चित करने के लिए बनाया या है ताकि स्वैच्छिक योगदान अधिक टिकाऊ हो सके।
इस हफ्ते वर्ल्ड हेल्थ असेंबली आगे की राह तैयार कर सकती है। प्रतिनिधियों, स्वास्थ्य अधिकारी और कार्यकर्ताओं द्वारा अब भी एक मसौदा संधि तैयार करने की कोशिश की जा रही है। टेड्रास ने अनुमान जताया कि यह बैठक डब्ल्यूएचओ के 76 वर्षों के इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण साबित हो सकती है। संयुक्त राष्ट्र की 194 सदस्यीय स्वास्थ्य एजेंसी की बैठक में कई देशों के प्रतिनिधि मौजूद रहे।
ध्रुव राठी: एक आधुनिक युग के सामाजिक कार्यकर्ता और यूट्यूबर
जून में उत्तराखंड जाना है तो यह पांच जगह रहेंगे सबसे बेहतरीन
चिकित्सा क्षेत्र में एआई पर जोर : जापान के साथ काम करेगा भारत
मुझे उम्मीद है खबर आपको पसंद आई होगी खबर पसंद आए तो इसे ज्यादा से ज्यादा शेयर करें और ऐसे ही अपडेटेड खबरें सबसे पहले आप तक पहुंचे उसके लिए नोटिफिकेशन ऑन करें ।
[…] […]
[…] […]