Delhi Metro : किसी महिला की साड़ी फसने से हुई पहली बार मौत , जनाइए क्या है पुरा मामला
साड़ी फसने से मौत मामले में तकनीक के साथ मैनुअल सिस्टम भी रहा नाकाम
इंद्रलोक मेट्रो स्टेशन पर साडी फसने से महिला के मौत के मामले में मेट्रो की तकनीक के साथ में निगरानी सिस्टम भी ना काम साबित हुआ है । दोनो सिस्टम सवालो के घेरे मे है हादसे के बाद डीएमआरसी की तकनी की सुरक्षा संधीग्ध हो गई है । विशेषज्ञ हादसे की मूल वजह मेट्रो की तकनीकी को बता रहे हैं । इसमें सबसे बड़ी चूक सेंसर की नाकामी सामने आ रही है वहीं विशेषज्ञ हादसे की मूल वजह मेट्रो की तकनीकी को बता रहे हैं। इसमें सबसे बड़ी चूक सेंसर की नाकामी सामने आ रही है। वही ट्रेन चालक ने भी लापरवाही बढ़ती है इससे यह भी जांच के दायरे में आ सकता है ।
विशेषज्ञों का कहना है कि मेट्रो के दरवाजां में जो पेंडिंग लगी होती है । वह काफी स्मार्ट तरीका से कार्य करती है । अगर उसमें अंगुली या पैर दरवाजे के बीच में आ जाते हैं तो सेंसर काम करने लगते हैं । और दरवाजा बंद नहीं होता है । हालांकि सेंसर की भी अपनी सीमा है अगर दरवाजों के बीच की दूरी 15 – 20 मिली से कम है । तो सेंसर काम नहीं करते वह पूरी तरह से निष्क्रिय रहते हैं । ऐसे में आशंका है कि कपड़े की मोटाई कम होने से सेंसर ने उस वक्त काम नहीं किया होगा ।
21 वर्ष में पहली बार हुई इस तरह की घटना
राजधानी में मेट्रो संचालन के 21 वर्ष में पहली बार मेट्रो के दरवाजे में किसी यात्री का कपड़ा फसनेे से उसकी मौत हुई है । इस घटना को यात्रियों की सुरक्षा में बड़ा चुक माना जा रहा है । मेट्रो के भीड़ भाड़ वाले कुछ स्टेशनों को छोड़कर किसी भी स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर सुरक्षा गार्ड या कर्मचारी की तैनाती हमेशा नहीं रहती है । यात्रियों के सवार होने के बाद ट्रेन के दरवाजे स्वत बंद होते हैं और दरवाजे बंद होते ही मेट्रो चल पड़ती है इस दौरान यदि किसी यात्री का कपड़ा या सामान फसा रह जाए तो कोई देखने वाला नहीं है ।
मेट्रो प्रसाशन ने दिए जांच के आदेश
डीएमआरसी के प्रधान कार्यकारी निदेशक व मुख्य प्रवक्ता अनुज दयाल का कहना है कि 14 दिसंबर को इंद्रलोक मेट्रो स्टेशन पर घटना घटी है इसमें पहले नजर में लग रहा है कि महिला यात्री के कपड़े ट्रेन में उलझ गए इससे वह गिरकर घायल हो गई । बाद में शनिवार को अस्पताल में उसकी मौत हो गई मेट्रो रेलवे सुरक्षा आयुक्त ( सीएमआरऐस ) पूरे मामले की जांच करेंगे ।
बच्चों के भविष्य पर संकट परिजनों ने की मुआवजे की मांग
रीना के दोनों बच्चों के भविष्य पर संकट के बदले छा गए । 5 वर्ष पहले पति की मौत हो चुकी है तब से रीना ही रेडी पर सब्जियां बेचकर अपना और दो बच्चों का पेट पाल रही थी। बेटी 12 साल की है जबकि बेटा 8 साल का है रीना के रिश्तेदार विक्की ने बताया कि परिवार पहले से ही आर्थिक संकट से जूझ रहा था । लेकिन अब रीना की मौत के बाद स्थिति और विकराल हो जाएगी । कम से कम बच्चों के भविष्य के लिए तो मुआवजा दिया जाए । वहीं अभी फिलहाल डीएमआरसी की तरफ से मृतकों के आश्रितों को किसी तरह का मुआवजा देने की घोषणा नहीं की गई है ।
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हमें उम्मीद है कि यह खबर पढ़ कर आप सतर्क होंगे , और आप अपने परिजनों को भी सतर्क करेंगे । ताकि भविष्य में ऐसी कोई अनहोनी ना हो अगर पोस्ट अच्छी लगी हो तो कमेंट करके बताएं । ज्यादा से ज्यादा अपने दोस्तों में सोशल मीडिया के जरिए इसे शेयर करें। ऐसे ही अपडेटेड पोस्ट सबसे पहले आप तक पहुंचे उसके लिए आप नोटिफिकेशन ऑन करें ।
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