Science : अंडे के अंदर कैसे सांस लेता है चूजा ?
तुमने अंडा जरूर देखा होगा। अंडे से ही पक्षी के बच्चे जन्म लेते हैं, लेकिन कभी तुमने सोचा है कि पूरी तरह से बंद अंडे में मौजूद चूजे को ऑक्सीजन कहां से मिलती है। आओ इसकी दिलचस्प कहानी पढ़ें।
पहले अंडा आया या मुर्गी, इस सवाल को तो तुमने कई बार सुना होगा, लेकिन क्या तुम्हें पता है कि अंडे के अंदर चूजे सांस कैसे लेते हैं? पक्षी के कठोर खोल वाले अंडों में सफेद भाग (एल्ब्यूमिन) और एक जर्दी होती है। निषेचित अंडा का भ्रूण, जर्दी के भीतर विकसित होता है और एल्ब्यूमिन को खाता है। अंडे के अंदर शिशु पक्षी के पास आश्रय, भोजन, लगभग वो सब कुछ होता है, जो उसे विकसित होने के लिए जरूरी होता है सिवाय ताजी हवा के।
जो स्तनधारी पशु अपनी मां के पेट के अंदर विकसित होते हैं, वे गर्भनाल के माध्यम से ऑक्सीजन प्राप्त करते हैं, जबकि एक पक्षी के अंडे के पास ऑक्सीजन लेने और कार्बन डाइऑक्साइड से छुटकारा पाने का कोई स्पष्ट तरीका ‘नहीं होता है, लेकिन अंडा फिर भी चूजों का ख्याल रखता है। अंडे के खोल के ठीक नीचे दो झिल्लियां होती हैं। जब मुर्गी अंडा देती है तो वह बहुत गरम होता है, लेकिन जैसे ही वह ठंडा होता है, अंडे के अंदर की सामग्री थोड़ी-सी सिकुड़ जाती है। इस प्रक्रिया में दोनों झिल्लियां थोड़ी अलग भी हो जाती हैं, जिसकी वजह से वहां हवा की एक छोटी जेब बन जाती है। जैसे-जैसे पक्षी का बच्चा बड़ा होता जाता है, उसमें एलांटोइस विकसित हो जाता है।
दरअसल, एलांटोइस एक खोखली थैली होती है, जो चूजे की आंत के निचले हिस्से से निकलती है। वहां से यह दूसरी झिल्ली (कोरियोन) से जुड़ जाती है, जो जर्दी के चारों ओर होती है। इन दोनों झिल्लियों के मिलने से कोरियोएलैंटोइक झिल्ली बनती है। यह झिल्ली फेफड़े के ऊतकों के समान कार्य करते हुए शिशु पक्षी के परिसंचरण तंत्र को अंडे के बाहर की हवा से जोड़ती है।
पक्षी भ्रूण झिल्ली के माध्यम से ऑक्सीजन लेता है और कार्बन डाइऑक्साइड छोड़ता है। अंडे की पूरी सतह पर कई हजार सूक्ष्म छिद्र होते हैं, जो कार्बन डाइऑक्साइड को बाहर निकलने और ताजी हवा को अंदर आने में मदद करते हैं। ये छिद्र अंडे में नमी को भी प्रवेश करने में मदद करते हैं, ताकि पक्षी और अंडे के हिस्सों को सूखने से बचाया जा सके। यही कारण है कि यह कठोर होता है। अब सवाल उठता है कि शिशु पक्षी के अंडों से निकलने के बाद कोरियोएलैंटोइक झिल्ली का क्या होता है? यह झिल्ली अंडे के छिलके से जुड़ी रहती है, इसलिए तुम इसे अनिषेचित अंडे में नहीं देख सकते। यह तभी दिखती है, जब निषेचित भ्रूण विकसित होना शुरू होता है।
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