Startup Company : पिता ट्रक ड्राइवर, छात्रवृत्ति से की पढ़ाई, अब है 800 करोड़ की कंपनी
चेन्नई के युवा उद्यमी आनंद मेगालिंगम की भारत के अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी उद्योग में अग्रणी बनने की असाधारण यांत्रा खुद का व्यवसाय या स्टार्टअप शुरू करने वालों के लिए एक मिसाल है। एक मध्यम वर्गीय परिवार से ताल्लुक रखने वाले आनंद के पिता एक टुक ड्राइवर थे और मां सामान्य गृहिणी थी। भले ही वह मामूली संसाधनों वाले परिवार में जन्मे थे, लेकिन उन्होंने बड़े सपने देखने से कभी गुरेज नहीं किया। अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद, एक मित्र के कहने पर उन्होंने इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग। का अध्ययन करने के लिए एक निजी कॉलेज में दाखिला तो ले लिया, लेकिन वह पहले सेमेस्टर में ही सभी विषयों में फेल हो गए। दो साल तक वह अपने भविष्य को लेकर संशय में थे। लेकिन खेल के प्रति उनके जुनून ने उन्हें एक निजी विश्वविद्यालय में छात्रवृत्ति दिला दी। उन्होंने छात्रवृत्ति की मदद से अपनी शिक्षा जारी रखी और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी से एयरोस्पेस, एयरोनॉटिकल और एस्ट्रोनॉटिकल इंजीनियरिंग में बीटेक की डिग्री हासिल की। अपनी पढ़ाई के दौराने, आनंद ने एलाइडर और पेपर प्लेन प्रतियोगिताओं से लेकर वैज्ञानिक सम्मेलनों तक में भाग लिया। उन्होंने 500 से अधिक प्रमाण-पत्र हासिल किए। पांडिचेरी के मुख्यमंत्री और एपीजे अब्दुल कलाम इंटरनेशनल फाउंडेशन ने उन्हें युवा वैज्ञानिक पुरस्कार से सम्मानित किया। एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में बीटेक पूरा करने के बाद, आनंद ने एंटी-ड्रोन टेक्नोलॉजी में रिसर्च किया।
चुनौतियां भी आईं
कोविड के दौरान, उन्होंने एक जूनियर रिसर्च फेलो के रूप में काम किया, नई तकनीकों का आविष्कार किया और प्रतियोगिताओं के लिए छात्रों को प्रशिक्षित किया। उनकी यात्रा में एक अप्रत्याशित
आनंद की यात्रा चुनौतियाँ से भरी हुई है। शैक्षणिक रूप से संधर्ष करने से लेकर अपने रिसर्च प्रोजेक्ट के दौरान आनंद ने महत्वपूर्ण मुदयों पर आने वाली कई बाधाओं को पार किया। कंपनी को अपने रॉकेट लॉन्च के लिए रक्षा मंत्रालय, वायु सेना, भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण और अन्य निकायों से विनियामक अनुमोदन लेने के लिए भी काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। इन चुनौतियों के बावजूद स्पेस जोन इंडिया को महत्वपूर्ण मान्यता मिली है। 2022 में रामेश्वरम से 100 उपग्रह तॉन्च करने के लिए प्रधानमंत्री द्वारा अंतरिक्ष स्टार्टअप की सराहना की गई थी।
मोड़ तब आया जब उन्होंने 2018 में, स्पेस जीन इंडिया की स्थापना की। यह अंतरिक्ष उद्योग पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालने और युवाओं को प्रेरित करने के लिए समर्पित कंपनी है।
आगे की योजना
एक लाख से शुरू की कंपनी शुरुआत में आनंद ने एक लाख रुपए थी वर्तमान में लगभग ३०० करोड रुपए है।
युवाओं को सीख
सफल होने के लिए आपको अपने लक्ष्य के प्रति एक लगन भाद से
समर्पित होनी पड़ेगा। कामयाबी अनुभव से मिलती है और अनुभव हमेशा बुरे अनुभव से आते है।
सफलू होने के लिए सबसे पहले असफलता का हर मन से निकाल देना चाहिए।
• अपने कार्यों को ईमानदारी और मेहनत से करने वाले हमेशा सफल होते हैं।
• हारने के बाद प्रयास छोड़ देना ही सबसे बड़ी असफलता है।
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भविष्य को देखते हुए, स्पेस जोन इंडिया का लक्ष्य अपनी रॉकेट प्रौद्योगिकी और शैक्षिक कार्यक्रमों का विस्तार करना है। कंपनी की योजना 2025 तक 5.58 करोड़ रुपये के सकल लाभ के साथ 42.50 करोड़ रुपये का राजस्व उत्पन्न करने की है। अंतरिक्ष स्टार्टअप कई नई परियोजनाओं पर काम कर रहा है. जिनमें रूमी एच, रूमी 1. रूमी 2 और रूमी 3 शामिल हैं। प्रत्येक को अलग- अलग ऊंचाई तक पहुंचने और विभिन्न उपग्रह प्रक्षेपण आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए डिजाइन किया गया है।
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